क़ुरआन ईश्वरीय चमत्कार-661
क़ुरआन ईश्वरीय चमत्कार-661
قَالَ لِلْمَلَإِ حَوْلَهُ إِنَّ هَذَا لَسَاحِرٌ عَلِيمٌ (34) يُرِيدُ أَنْ يُخْرِجَكُمْ مِنْ أَرْضِكُمْ بِسِحْرِهِ فَمَاذَا تَأْمُرُونَ (35)
(फ़िरऔन) ने अपने आस-पास के सरदारों से कहा, निश्चय ही यह एक बड़ा ही जानकार (व दक्ष) जादूगर है। (26:34) यह अपने जादू से तुम्हें तुम्हारी अपनी भूमि से निकाल बाहर करना चाहता है, तो अब तुम क्या कहते हो? (26:35)
قَالُوا أَرْجِهْ وَأَخَاهُ وَابْعَثْ فِي الْمَدَائِنِ حَاشِرِينَ (36) يَأْتُوكَ بِكُلِّ سَحَّارٍ عَلِيمٍ (37)
उन दरबारियों ने कहा, इन्हें और इनके भाई को अभी रोके रखिए (और इनके मामले को विलंबित कर दीजिए) और एकत्र करने वालों को नगरों में भेज दीजिए। (26:36) ताकि वे प्रत्येक दक्ष जादूगर को आपके पास ले आएँ। (26:37)
فَجُمِعَ السَّحَرَةُ لِمِيقَاتِ يَوْمٍ مَعْلُومٍ (38) وَقِيلَ لِلنَّاسِ هَلْ أَنْتُمْ مُجْتَمِعُونَ (39) لَعَلَّنَا نَتَّبِعُ السَّحَرَةَ إِنْ كَانُوا هُمُ الْغَالِبِينَ (40)
तो एक निश्चित दिन के नियत समय पर जादूगर एकत्रित किए गए। (26:38) और लोगों से कहा गया, क्या तुम भी एकत्रित होते हो? (26:39) कि यदि जादूगर विजयी हुए तो हम उन्हीं का अनुसरण करें। (26:40)