क़ुरआन ईश्वरीय चमत्कार-670
क़ुरआन ईश्वरीय चमत्कार-670
فَلَوْ أَنَّ لَنَا كَرَّةً فَنَكُونَ مِنَ الْمُؤْمِنِينَ (102) إِنَّ فِي ذَلِكَ لَآَيَةً وَمَا كَانَ أَكْثَرُهُمْ مُؤْمِنِينَ (103) وَإِنَّ رَبَّكَ لَهُوَ الْعَزِيزُ الرَّحِيمُ (104)
तो काश हमारे लिए एक बार फिर (संसार में) वापसी होती तो हम भी मोमिनों में से हो जाते! (26:102) निश्चय ही इसमें एक बड़ी निशानी है किंतु उनमें से अधिकतर इस पर भी ईमान लाने वाले नहीं थे। (26:103) और निःसंदेह तुम्हारा पालनहार ही है जो बड़ा प्रभुत्वशाली व अत्यन्त दयावान है। (26:104)
كَذَّبَتْ قَوْمُ نُوحٍ الْمُرْسَلِينَ (105) إِذْ قَالَ لَهُمْ أَخُوهُمْ نُوحٌ أَلَا تَتَّقُونَ (106) إِنِّي لَكُمْ رَسُولٌ أَمِينٌ (107)
नूह की जाति ने रसूलों को झुठलाया। (26:105) जबकि उनसे उनके भाई नूह ने कहा, क्या तुम (ईश्वर से) नहीं डरते? (26:106) निःसंदेह मैं तुम्हारे लिए एक अमानतदार पैग़म्बर हूँ। (26:107)
فَاتَّقُوا اللَّهَ وَأَطِيعُونِ (108) وَمَا أَسْأَلُكُمْ عَلَيْهِ مِنْ أَجْرٍ إِنْ أَجْرِيَ إِلَّا عَلَى رَبِّ الْعَالَمِينَ (109)
तो ईश्वर से डरो और मेरा आज्ञापालन करो। (26:108) और मैं (पैग़म्बरी के) इस काम के बदले तुमसे कोई बदला नहीं चाहता कि मेरा बदला तो बस ब्रह्मांड के पालनहार के ज़िम्मे है। (26:109)