क़ुरआन ईश्वरीय चमत्कार-699
क़ुरआन ईश्वरीय चमत्कार-699
أَلَمْ يَرَوْا أَنَّا جَعَلْنَا اللَّيْلَ لِيَسْكُنُوا فِيهِ وَالنَّهَارَ مُبْصِرًا إِنَّ فِي ذَلِكَ لَآَيَاتٍ لِقَوْمٍ يُؤْمِنُونَ (86)
क्या उन्होंने देखा नहीं कि हमने रात बनाई ताकि वे उसमें आराम करें और दिन को प्रकाशमान (बनाया कि उसमें काम करें)? निश्चय ही इसमें उन लोगों के लिए निशानियाँ है, जो ईमान ले आएँ। (27:86)
وَيَوْمَ يُنْفَخُ فِي الصُّورِ فَفَزِعَ مَنْ فِي السَّمَاوَاتِ وَمَنْ فِي الْأَرْضِ إِلَّا مَنْ شَاءَ اللَّهُ وَكُلٌّ أَتَوْهُ دَاخِرِينَ (87)
और जिस दिन सूर में फूँका जाएगा तो जो भी आकाशों और धरती में है, घबरा उठेगा सिवाय उसके जिसे ईश्वर चाहे, और सब विनम्रता के साथ (सिर झुकाए) उसके समक्ष उपस्थित हो जाएँगे। (27:87)
وَتَرَى الْجِبَالَ تَحْسَبُهَا جَامِدَةً وَهِيَ تَمُرُّ مَرَّ السَّحَابِ صُنْعَ اللَّهِ الَّذِي أَتْقَنَ كُلَّ شَيْءٍ إِنَّهُ خَبِيرٌ بِمَا تَفْعَلُونَ (88)
और तुम पहाड़ों को देख कर समझते हो कि वे जमे हुए हैa जबकि वे बादलों की तरह चल रहे होंगे। यह अल्लाह की कारीगरी है, जिसने हर चीज़ को सुदृढ़ किया। निःसंदेह जो कुछ तुम करते हो उससे वह भली भांति अवगत है। (27:88)