Apr १६, २०१९ १५:५१ Asia/Kolkata

अगर आप यह चाहते हैं कि संबोधक आपकी ओर आकृष्ट हों तो पहले आपको अपने बारे में सोचना होगा। 

प्रशिक्षण के लिए यह बहुत ज़रूरी है कि प्रशिक्षणकर्ता के भीतर प्रेम, स्नेह, हमदर्दी और इसी प्रकार की सकारात्मक भावनाएं पाई जाती हों ताकि लोग आपकी बातों को सुनने के लिए तैयार हों।  ईश्वर ने यह विशेषताएं अपने अन्तिम दूत पैग़म्बरे इस्लाम (स) के भीतर निहित की थीं।  सूरे आले इमरान की आयत संख्या 159 में ईश्वर कहता हैः (तो ऐ रसूल ये भी) ख़ुदा की एक मेहरबानी है कि तुमसा नर्मदिल (सरदार) उनको मिला और तुम अगर बदमिज़ाज और सख्त दिल होते तब तो ये लोग तुम्हारे गिर्द से तितर बितर हो गए होते पस (अब भी) तुम उन्से क्षमा कर हो और उनके लिए मग़फेरत की दुआ मॉगो और उनसे काम काज में मशवरा कर लिया करो (मगर) इस पर भी जब किसी काम को ठान लो तो ख़ुदा ही पर भरोसा रखो (क्योंकि जो लोग ख़ुदा पर भरोसा रखते हैं ख़ुदा उनको ज़रूर दोस्त रखता है।

घर-परिवार की अन्य कड़ी लेकर उपस्थित हैं।  कार्यक्रम में हम ईरानी परिवार के बारे में चर्चा करेंगे।  आज हम जिस विषय पर चर्चा करेंगे वह ईरानी परिवार के भविष्य से संबन्धित है।  परिवारों को सामान्यतः संकटो से भी गुज़रना पड़ता है।  यह वह समय होता है जब परिवार के विघटन की संभावनाएं अधिक हो जाती हैं।  हम ईरानी परिवार के संबन्ध में आरंभ में बता चुके हैं कि डाक्टर आज़ाद अरमकी जैसे समाजशास्त्रियों के अनुसार ईरानी परिवारों में विघटन की संभावना कम रही है और यह आगे की ओर बढ़ते रहे हैं।  इसका मुख्य कारण यह है कि ईरान में परिवार की जड़ें बहुत गहरी और मज़बूत हैं।  परिवार वह चीज़ है जहां पर मनुष्य अपने जन्म से मृत्यु तक का पूरा जीवन व्यतीत करता है।  वह हर प्रकार की परिस्थितियों का सामना करते हुए अपने जीवन को आगे बढ़ाता है।

पारंपरिक परिवारों की तुलना में आधुनिक या मार्डन परिवार पाए जाते हैं जहां पर विघटन की संभावना बहुत अधिक होती है।  डा अरमकी ईरानी परिवारों की बात करते हुए ईरान में प्रचलित मज़बूत संस्कृति का उल्लेख करते हैं।  वे मानते हैं कि मज़बूत परिवार ही बड़े समाजों के गठन में मुख्य भूमिका निभाते हैं।  उनका कहना है कि ईरान में मनुष्य परिवार से जुड़ा हुआ है उससे अलग नहीं है।  ईरानी, अपने परिवारों से गहरे संपर्क के कारण ही उससे बंधे हुए हैं।

डाक्टर अरमकी यह कहते हैं कि आधुनिक संसार में परिवार के ढांचे में परिवर्तन के कारण उसका स्वरूप बदल रहा है किंतु उसका विघटन नहीं हो रहा है।  वे इस प्रक्रिया को परिवारों का विघटन नहीं मानते।  किसी भी परिवार में कुछ ज़िम्मेदारियां हैं जिनका निभाना ज़रूरी होता है जैसे परस्पर प्रेम, प्रशिक्षण, सदगुणों को सदस्यों में पैदा करना और सांस्कृतिक तत्वों को स्थानांतरित करना आदि।

वर्तमान समय में अधिकांश ईरानी जीवन की समस्याओं में उल्झे हुए हैं।  जीवनसाथी का चयन, जीवनसाथी की समस्याओं का समाधान, बच्चों का सही प्रशिक्षण और इसी प्रकार की बातें किसी परिवार की मज़बूती का कारण है।  अगर कोई व्यक्ति सामान्य परिस्थितियों में अपने परिवार के प्रति उत्तरदायी न हो तो एसे में कहा जा सकता है कि अमुक परिवार विघटन की ओर जा रहा है।

वह विषय जो ईरान में परिवारों के बाक़ी रहने को दर्शाता है वह प्रशिक्षण के बारे में शिक्षा तथा प्रशिक्षण की संस्थाओं से मतभेद है।  ईरानी परिवारों के लिए उचित प्रशिक्षण का इतना अधिक महत्व है कि वे शिक्षा तथा प्रशिक्षण की संस्था की ओर से लागी गई शिक्षा व्यवस्था का विरोध करते हैं और सरलता से शिक्षा एवं प्रशिक्षण विभाग के निर्णयों को स्वीकार नहीं करते।  साक्ष्यों से पता चलता है कि टकराव के कारणों में से एक कारण इन दोनों के बीच नीति से संबन्धित टकराव है।

(धार्मिक शिक्षाओं में किसी भी परिवार के लिए पहला मानदंड यह है कि परिवार के सारे ही सदस्य एक-दूसरे का सम्मान करें।  पवित्र क़ुरआन के सूरे असरा की आयत संख्या 70 में ईश्वर कहता है कि और हमने यक़ीनन आदम की औलाद को इज्ज़त दी और खुश्की और तरी में उनको (जानवरों कश्तियों के ज़रिए) लिए लिए फिरे और उन्हें अच्छी अच्छी चीज़ें खाने को दी और अपने बहुतेरे मख़लूक़ात पर उनको अच्छी ख़ासी फज़ीलत दी। 

परिवार के बारे में हज़रत अली अलैहिस्सलाम कहते हैं कि अगर तुम अपने जीवनसाथी का सम्मान करोगे तो तुम्हारा भरोसा किया जाएगा।  इसी भरोसे के कारण तुम्हारा मान-सम्मान बढ़ेगा जिसके परिणाम स्वरूप दोनो को शांति हासिल होगी और जीवन सुखी हो जाएगा।  धर्म के हिसाब से एक धार्मिक परिवार का मुख्य मानदंड परस्पर सम्मान और प्रेम है।  परिवार के महत्व को स्पष्ट करते हुए पैग़म्बरे इस्लाम (स) का कहना है कि अगर किसी परिवार के सदस्य प्रेमपूर्ण ढंग से आपस में मिलकर बैठें तो उनके इस काम का पुण्य मस्जिद में किये जाने वाले एतेकाफ़ से कहीं अधिक है।

किसी भी धार्मिक परिवार के लिए एक अन्य मानदण्ड आपस में निष्ठापूर्ण संबन्धों को बाक़ी रखना है।  इस प्रकार के परिवार के सदस्यों के संबन्ध प्रेम और निष्ठा पर आधारित होते हैं।

धार्मिक परिवार के सारे ही सदस्य एक-दूसरे को भलाई करने और बुराई से दूर रहने का आह्वान करते हैं।  इस परिवार के सदस्य दूसरों का सम्मान करते हैं, उनका ईश्वर से संपर्क होता है वे धार्मिक स्थलों पर उपस्थित होते हैं।  जब परिवारों में इस प्रकार की विशेषताएं उत्पन्न हो जाती हैं तो वे बेकार की बातों में उलझने के बजाए अपना समय सकारात्मक कामों में व्यतीत करते हैं।

अच्छे या आदर्श परिवार की एक अन्य विशेषता यह है कि उसका हर सदस्य किसी को अच्छी बात का आदेश देने से पहले स्वय इसका प्रयास करते हैं कि वे अपने भीतर विशेषताओं को पैदा करके आदर्श पेश करें।

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