Pars Today
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बहुत पुरानी बात नहीं है कि जब घर और परिवार में मां बाप, भाई बहन, दादा दादी सब मिलकर रहते थे और ख़ुशियों से थरा जीवन गुज़ारते थे।
हमने बच्चों के प्रशिक्षण और स्वस्थ व पीढ़ी के पालन पोषण में परिवार की भूमिका के महत्व पर बल दिया था।
ख़ुशी और सुकून ऐसी चीज़ नहीं है जिसे आप अपनी संपत्ति बनाकर अपने नियंत्रण में कर लें।
सबसे पहले हमें यह बात समझ में आनी चाहिए कि जीवन हमेशा संपूर्ण और एक स्थिति में नहीं रहता, यह हमेशा वही रहेगा जैसा हम उसे बनाएंगे।
ईश्वर ने हज़रत आदम व हव्वा को वैवाहिक रिश्ते में बांधकर परिवार इकाई का आधार रखा और इस युक्ति से इस दुनिया में सभी इन्सानों को दाम्पत्य जीवन की ओर अह्वान किया और मनुष्य की परिपूर्णता को परिवार में दंपति के साथ प्रेमपूर्ण जीवन और मुहब्बत से साथ रहना क़रार दिया।
इंसान की सफलता या विफलता में परिवार का बहुत हाथ होता है यहां तक कि गुमराही के कारणों को समझने और उसे कम करने में परिवार की सहायता ली जा सकती है और इस संबंध में वह महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
हमने बताया था कि इस्लाम में प्रजनन या नस्ल बढ़ाने को परिवार की मज़बूती का आधार बताया गया है।
औद्योगिक क्रांति आने से पहले लोगों में शायद ही कोई यह सोचता था कि हम क्यों संतान चाहिए।
बहुत से लोग हमारे जीवन में आते और चले जाते हैं परंतु जीवन की सुन्दरता यह है कि हमारा परिवार सदैव हमारे साथ रहता है।