Jun २४, २०१९ १३:०८ Asia/Kolkata

कार्यक्रम में हम कुछ नैतिक विषयों पर चर्चा करेंगे।

पहले इस बारे में चर्चा की जाएगी कि संसार की कोई भी चीज़ सदैव बाक़ी रहने वाली नहीं है।  इस संसार में कोई भी चीज़ सदा रहने वाली नहीं है।  अगर ध्यान दिया जाए तो यह बात समझ में आएगी कि बहुत से लोग इस वास्तविकता को नहीं समझते कि हर पैदा होने वाला एक दिन अवश्य मर जाएगा।  इमाम मुहम्मद बाक़िर अलैहिस्सलाम का कथन है कि प्रतिदिन एक पुकार होती है कि हे आदम की संतान! मरने के लिए जन्म लो।  यह एसी वास्तविकता है जिसको अधिकांश लोग समझते नहीं हैं कि पैदा होने वाला एक दिन अवश्य मरेगा।

इसी प्रकार एक अन्य वास्तविका यह भी है कि जो कुछ जमा किया जाता है और वह बाद में नष्ट हो जाता है।  मनुष्य अपने जीवन में बड़ी मेहनत करके जो रुपया-पैसा, धन-दौलत या दूसरी अन्य चीज़े जमा करता है एक दिन वे नष्ट हो जाती हैं चाहे उसके जीवन में या उसके मरने के बाद।  इसी संदर्भ में इमाम मुहम्मद बाक़िर अलैहिस्सलाम का एक कथन मिलता है कि नष्ट होने के लिए जमा करो।  अर्थात एकत्रित की जाने वाली वस्तुएं एक दिन नष्ट होकर रहेंगी।  ऐसे में मनुष्य को सांसारिक वस्तुओं से मन नहीं लगाना चाहिए क्योंकि आप चाहे कितनी भी उनकी सुरक्षा करें, एक न एक दिन वे अवश्य नष्ट होकर रहेंगी।

इसी प्रकार से इमाम बाक़िर अलैहिस्सलाम का एक अन्य कथन यह है कि संसार में कोई भी वस्तु बाक़ी रहने वाली नहीं है।  मनुष्य अपने जीवन में चाहे कितनी ही मंहगी और मज़बूत इमारत क्यों न बनवाए वह बाद में नष्ट हो जाएगी।  इन बातों से यह नतीजा निकलता है कि सांसारिक मायामोह से स्वयं को सुरक्षित करना चाहिए।

इमाम जाफ़र सादिक़ अलैहिस्सलाम कहते हैं कि सबसे बड़ा उपासक वह है जो उन सभी बातों को माने जिसको ईश्वर ने अनिवार्य किया है।  कुछ लोग आपको एसे मिल जाएंगे जो ईश्वरीय आदेशों का अनुपालन पूरी निष्ठा के साथ करते हैं।  एसे लोग स्वेच्छा से भले काम करते हैं इसलिए उनको सबसे बड़ा उपासक माना जाता है।  इसके मुक़ाबले में बहुत से लोग वे हैं जो अच्छे कामों को स्वेच्छा से नहीं बल्कि अनिच्छा से करते हैं इसीलिए उनका कोई महत्व नहीं है।

आपको बहुत से लोग एसे मिल जाएंगे जो पैसे तो बहुत ख़र्च करते हैं किंतु उनके पैसे अच्छे रास्ते में ख़र्च न होकर बुरे कामों में ख़र्च होते हैं।  इस प्रकार के लोग धार्मिक आदेशों जैसे ज़कात तो अदा नहीं करते किंतु दूसरे कामों में बेहिसाब पैसा ख़र्च करते रहते हैं।  यह लोग न तो ज़कात अदा करते हैं और न ही ख़ुम्स देते हैं।  इस्लामी शिक्षाओं के हिसाब से उस व्यक्ति को कृपालु एवं दानी कहा जाएगा जो समय पर धार्मिक टैक्स अदा करता हो।  वह हराम बातों से बचता हो।  इसी प्रकार सबसे अधिक ईश्वर का भय रखने वाला व्यक्ति वह होता है जो हर प्रकार के हराम से बचता हो और हलाल कामों को समय पर करता हो।  जो व्यक्ति हराम कामों से न बचता हो उसे ज़ाहिद या अधिक उपासना करने वाला नहीं कहा जा सकता।

 

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