Apr २४, २०१६ १४:४७ Asia/Kolkata
  • लानत बेह कारे अजलेह

पुराने समय की बात है, एक नये वैवाहिक जोड़े को अपने यहां बच्चा पैदा होने की प्रतीक्षा थी।

 एक दिन पत्नी ने पति से कहा कि तुम जल्दी ही पिता बनने वाले हो, बच्चे को विशेष झूले, कपड़ों, बिस्तर और लेहाफ़ की आवश्यकता होती है, बेहतर है कि हमें अपने बच्चे के लिए सामान के प्रबंधन के बारे में सोचना चाहिए। पति यह सुनकर बहुत प्रसन्न हुआ, वह प्रातः जल्दी ही उठा और बाज़ार गया। उसने गद्दा और बिस्तर बनाने वाले को छोटा सा गद्दा और लेहाफ़ बनाने का आर्डर दिया और उसके बाद वह दर्ज़ी के पास गया और कुछ छोटा-2 कपड़ा सिलने का आर्डर दिया और साथ ही वह बढ़ई के पास गया। उसने बढ़ई को सलाम किया और कहा कि भय्या मैं जल्दी ही पिता बनने वाला हूं, कृपया करके मेरे बच्चे के लिए एक पालना बना दो, बढ़ई मुस्कुराया और कहने लगा कि बधाई हो, इन्शाअल्लाह बच्चा सौभाग्यशाली हो, मैं तुम्हारे लिए ऐसा झूला बनाऊंगा उससे सुन्दर और आरामदायक तुमने कभी देखा न होगा। मुझे थोड़ा सा पैसा अग्रिम राशि के रूप में दे दो ताकि मैं अपना कार्य आरंभ करूं।

 

उस व्यक्ति ने अग्रिम राशि के रूप में थोड़ा पैसा हुआ दिया और घर वापस आ गया। उसने अपनी पत्नी को बुलाया और कहा कि मैंने उन सभी चीज़ों का आर्डर दे दिया जो हमारे बच्चे के लिए आवश्यक हैं। उसकी पत्नी बहुत प्रसन्न हुई, दो तीन दिन बीतने के बाद हर रात पति कुछ न कुछ सामान लेकर आता था एक दिन वह बिस्तर और लेहाफ़ लाया और एक दिन वह दर्ज़ी के यहां से कपड़े लाया। उसकी पत्नी यह देख कर बहुत प्रसन्न हुई और उसने तुरंत अपने पति से कहा कि झूला, झूला कहां है? बच्चा बिना झूले के आराम से नहीं सो पाएगा? व्यक्ति को यह ज्ञात था किन्तु बढ़ई ने अपना कार्य समय पर नहीं किया था। प्रतिदिन व्यक्ति काम से लौटते समय बढ़ई के कारख़ाने जाता और उसका हाल चाल पूछने के बाद कहता कि क्षमा किजिएगा, हमारे बच्चे का झूला कब तैयार होगा?

 

 

    बढ़ई मुस्कुराता और कहता कि क्रोधित मत हो, झूला अवश्य बनाऊंगा, लेकिन तुम्हें मालूम होना चाहिए कि मैं तुम्हारे लिए बेहतरीन झूला बनाऊंगा, एक अच्छा झूला जल्दी तैयार नहीं होगा, मैं जल्दबाज़ी में कार्य नहीं करता। बढ़ई का वचन तोड़ना इसी प्रकार जारी रहा। अंततः महिला ने बच्चे को जन्म दिया। व्यक्ति बहुत जल्दी से बढ़ई के पास पहुंचा और कहने लगा कि मेरे बच्चे का जन्म हो गया है, झूला कहां है, बढ़ई ने इस बार हल्का सा मुस्कुरा कर और थोड़े से क्रोध से कहा कि मैंने कहा था कि मैं जल्दबाज़ी में कार्य नहीं कर सकता, यदि तुम्हारे बच्चे का जन्म जल्दी हो गया तो इसमें मेरी क्या ग़लती है, थोड़ा धैर्य से काम लो, तुम्हारा झूला तैयार करूंगा, पति का आना जाना और बढ़ई का वचन तोड़ना यथावत जारी रहा, बच्चा पड़ोस से मांगे गये झूले में पलने और बढ़ने लगा। आख़िरकार बच्चा दो वर्ष का हो गया और चलने और बोलने लगा। अब उसे झूले की आवश्यकता नहीं थी, व्यक्ति भी बढ़ई की ओर से निराश हो गया किन्तु कभी कभी वह उसके पास जाकर झूले के बारे में पूछ लेता।

 

 

    इसी प्रकार दिन गुज़रते रहे बच्चा बड़ा हो गया और उसने विवाह करने का फ़ैसला किया। उसने अच्छी लड़की देखकर विवाह किया और एक वर्ष के बाद उसे पता चला कि उसकी पत्नी गर्भवती है और वह जल्दी ही पिता बनने वाला है, उसने यह समाचार अपने माता पिता को सुनाया और कहा कि अब हमें, लेहाफ़, गद्दा, झूला और इस प्रकार की चीज़ों को ख़रीदना चाहिए। पिता ने जैसे ही झूले का नाम सुना उसे याद आया कि लगभग बीस वर्ष पूर्व मोहल्ले के बढ़ई को झूला बनाने का आर्डर दिया था। वह बढ़ई के यहां गया, सलाम किया और कहने लगा कि भाई साहब बीस वर्ष पूर्व मैंने आपको एक झूला बनाने के लिए आर्डर दिया था और उसके लिए कुछ अग्रिम पैसा भी दिया था, झूला तैयार है या नहीं? मेरा बच्चा बिना झूले के बड़ा हो गया। अब उसने विवाह कर लिया है और अब उसके पुत्र के लिए झूला चाहिए। बढ़ई भौं चढ़ाकर पिछली बातों को याद करने लगा। उसके बाद वह क्रोधित होकर उठा और उसने अपनी पोटली से कुछ पैसे निकाले और कहा कि लो अपना पैसा लो और किसी दूसरे बढ़ई से झूला बनवालो, मैं जल्दी में कार्य नहीं कर सकता?

 

 

 उसके बाद से जो व्यक्ति अपने कार्य में सुस्ती करता है या वह अपना कार्य उस समय करता है जब लोगों को उसकी आवश्यकता नहीं होती तो कहा जाता है कि "लानत बेह कारे अजलेह"