मलिक मुहम्मद और लंगड़े दैत्य की कहानी-2
हमने कहा कि प्राचीन समय में एक राजा था कि उसके सात बेटे थे। ६ बेटे एक पत्नी से थे जबकि सातवां दूसरी पत्नी से था और उसका नाम मलिक मोहम्मद था।
राजा ने अपने स्वप्न पर अमल करने के लिए अपने बेटों से कहा कि मेरे लिए सोने के पिजड़े में तोता लाये जाये और यह कार्य जो अंजाम देगा वही मेरा उत्तराधिकारी बनेगा। ६ सगे भाई गये परंतु वे सबके सब ख़ाली हाथ लौट आये। मलिक मोहम्मद ने भी राजा से जाने की अनुमति मांगी और वह भी यात्रा की आवश्यक वस्तुओं को लेकर राजा की मांग पूरी करने हेतु निकल पड़ा। जब वह महल से निकल रहा था कि तो उसने कुछ रत्न साथ रख लिया और तेज़ गति से दौड़ने वाले घोड़े को तैयार किया और रास्ता चल पड़ा। उसके दूसरे ६ भाई भी उसके पीछे पीछे गये और एक मरुस्थल में उन भी ने मिलकर अपने सौतेले भाई मलिक मोहम्मद पर हमला कर दिया।
उन सबने मलिक मोहम्मद को इतना मारा कि वह अधमरा हो गया और उसके बाद वे लोग उस नगर में लौट आये जो रास्ते में पड़ा था और वे सब जुआखाने में गये और जो कुछ उनके पास था सब जुए में हार गये। ६ भाइयों में से तीन भीख मांगने लगे जबकि तीन अन्य मज़दूरी करने लगे। उधर से मलिक मोहम्मद भी जो ईश्वर की कृपा से जीवित बच गया था, उसी नगर में पहुंच गया जिसमें उसके ६ भाई थे। उसने एक निर्धन महिला के घर में रात गुज़ारी। मलिक मोहम्मद ने जो एक रत्न बुढ़िया को दिया था उसी से रात का खाना तैयार किया गया और वही उन लोगों ले खाया। जब खाना ख़त्म हो गया और दस्तरख़ान लपेट दिया गया तो मलिक मोहम्मद ने देखा कि बूढ़ी महिला रो रही है। उसने कहा मां क्यों रो रही हो? बूढ़ी महिला ने कहा मेरा मन इस क्षेत्र के राजा की लड़की के लिए तड़प रहा है। मलिक मोहम्मद ने कहा आखिर क्या हुआ है? लड़की को कुछ हो गया है? बूढ़ी महिला ने कहा कुछ दिन से एक दैत्य आ गया है वह महीने में एक बार इस क्षेत्र में आता है और एक लड़की, ५४ किलो खजूर की एक टोकरी और एक बड़ी थाली में तीस किलो हलुवा लेकर चला जाता है। सब लोगों ने बारी- बारी इन चीज़ों को दिया और अब राजा की बारी है और आज रात को उसे अपना हिस्सा देना पड़ेगा। मेरा भी दिल उसकी लड़की के लिए तड़प रहा है। क्योंकि मैं उस लड़की की दाई हूं। मलिक मोहम्मद ने जैसे ही यह बात सुनी या अली कहकर तलवार अपनी कमर में बांधी। बूढ़ी महिला ने जब यह देखा कि मलिक मोहम्मद युद्ध के लिए तैयार हो रहा है तो कहा हे बेटा तुम क्या करना चाहते हो?
मलिक मोहम्मद ने कहा मैं दैत्य का काम समाप्त करने जा रहा हूं। बूढ़ी महिला ने कहा हे जवान अपनी जवानी पर दया कर राजा अब तक उसके मुक़ाबले के लिए कई बार सेना भेज चुका है और सब की सब पराजित हो गयीं और अगर तुम जाओगे तो तुम भी मारे जाओगे। मलिक मोहम्मद ने कहा मां मैं राजा की लड़की से अधिक महत्वपूर्ण नहीं हूं ईश्वर पर भरोसा करके जाता हूं तुम केवल मुझे दैत्य के रहने का पता बता दो। बूढ़ी महिला ने जब देखा कि मलिक मोहम्मद अपने इरादे में पक्का है तो उसने विवश होकर कहा जब तुम बाहर जाओगे तो रास्ते में एक गुंबद पड़ेगा और उसी में राजा की लड़की बैठी है और उसके पास एक टोकरी खजूर और एक थाली हलुवा भी है। मलिक मोहम्मद जब घर से बाहर निकला तो फिर उसने हज़रत अली अलैहिस्सलाम को याद किया और घोड़े पर बैठ गया यहां तक कि उसे गुंबद का दरवाज़ा दिखाई दिया और गुंबद की ओर गया। जब वह राजा की लड़की के पास पहुंच गया तो कहा हे लड़की तुम इस गुंबद में क्या कर रही हो? लड़की ने मलिक मोहम्मद की ओर देखा और समझ गयी कि वह कोई बुरा आदमी नहीं है। मलिक मोहम्मद ने कहा हे लड़की मैं तुम्हें स्वतंत्र करने के लिए आया हूं।
लड़की ने जैसे ही यह बात सुनी रोना शुरू कर दिया और कहा हे जवान मुझे तुझ पर तरस आ रहा है तू अपनी जवानी पर दया कर। अगर इस दैत्य की नज़र तुम पर पड़ गयी तो वह तुम्हारे सिर को तुम्हारे शरीर से अलग कर देगा। मलिक मोहम्मद ने कहा जिसके मौला और स्वामी हज़रत अली अलैहिस्सलाम हैं उसे दैत्य से क्या डर है? मैं ईश्वर पर भरोसा करके और अपने मौला की सहायता से यहां आया हूं ताकि तुम्हें इस दैत्य से मुक्ति दिलाऊं और तुम्हारे मां-बाप का दिल खुश करूं। राजा की लड़की ने जब मलिक मोहम्मद की इन बातों को सुना तो वह संतुष्ट हो गयी और कहा कि जो टुम्हारा मन करे वह काम करो।
मलिक मोहम्मद लड़की के पास बैठ गया। लड़की को ढ़ारस हो गयी थी कि अब कोई है जिससे वह बात कर सकती है। उसने मलिक मोहम्मद से कहा हे जवान अब जब तुमने मरने की ठान ली है तो जान लो कि दैत्य के आने के तीन चिन्ह हैं जब वह ज़मीन से उड़ता है तो हवा थोड़ी गर्म हो जाती है। उसके आने का दूसरा चिन्ह यह है कि जब वह हवा में उड़ने लगता है तो हवा धीरे- धीरे इतनी गर्म हो जाती है कि मानो आदमी उसमें जल जायेगा। उसके आने का तीसरा चिन्ह यह है कि जब वह निकट आ जाता है तो उसके शरीर से इतनी बुरी दुर्गन्ध आती है कि उसे सूंघकर ही आदमी का दम घुट जाता है। मलिक मोहम्मद ने कहा हे लड़की मुझे नींद आ रही है अगर मैं सो जाऊं तो उसके आने के पहले ही चिन्ह में मुझे जगा देना। लड़की ने कहा ठीक है। मलिक मोहम्मद सोया ही था कि दैत्य के आने का पहला चिन्ह स्पष्ट हो गया। लड़की ने मलिक मोहम्मद को देखा कि वह सो रहा है उसका दिल नहीं कहा कि उसे जगा दे। कुछ ही क्षणों में दूसरा चिन्ह स्पष्ट हो गया। लड़की ने देखा कि मलिक मोहम्मद बड़े आराम से सो रहा है उसका दिल मलिक मोहम्मद को जगाने के लिए तैयार नहीं हुआ। जब बुरी दुर्गन्ध आने लगी तो वह समझ गयी कि दैत्य निकट पहुंच रहा है फिर भी उसका दिल मलिक मोहम्मद को जगाने के लिए तैयार नहीं हुआ परंतु वह रोने लगी और आंसू की भूंदे मलिक मोहम्मद के चेहरे पर गिर गया तो वह उठ कर बैठ गया और कहा लड़की तुम क्यों रो रही हो? इस पर लड़की ने कहा हे जवान दैत्य के आने के समस्त चिन्ह स्पष्ट हो गये हैं मेरा दिल नहीं माना कि तुझे जगाऊं। अब दैत्य पहुंचने वाला है। मलिक मोहम्मद जल्दी से उठ गया और उसने अपनी तलवार म्यान से बाहर निकाली।
लड़की बहुत डरी हुई थी वह एक कोने में खड़ी हो गयी। मलिक मोहम्मद ने अपने मौला हज़रत अली अलैहिस्सलाम को याद किया और उसने दैत्य के आने की आवाज़ सुनी। बुरी दुर्गन्ध पूरे वातावरण में फैल गयी निकट था कि उसका दम घुट जाता। दैत्य प्रविष्ट हो गया जैसे ही उसकी नज़र मलिक मोहम्मद पर पड़ी उसने हंसना शुरू कर दिया। उसने कहा जब आदमी डर जाता है तो सब कुछ कर सकता है। जब राजा की लड़की की बारी आई तो एक जवान और एक घोड़े की भी वृद्धि कर दी गयी। मलिक मोहम्मद ने कहा चुप रह ईश्वर की कृपा से मैं तेरा हत्यारा हूं। दैत्य क्रोधित हो गया और उसने अपना गदा मलिक मोहम्मद की ओर फेंका। मलिक मोहम्मद किनारे हट गया और अपनी तलवार से दैत्य पर करारा वार किया। दैत्य भी किनारे हट गया परंतु तलवार दैत्य की रान में लग गयी और उसका एक पैर कट कर अलग हो गया तथा वह ज़मीन पर गिर पड़ा। दैत्य ने जब मलिक मोहम्मद की बहादुरी व साहस को देखा तो वह बिजली की तरह हवा में भागा। (AK)
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