मलिक मुहम्मद और लंगड़े दैत्य की कहानी-7
हमने कहा था कि प्राचीन काल में एक राजा था, जिसके सात बेटे थे जिनमें से एक जिसका नाम मलिक मोहम्मद था सौतेला था।
बाप का उत्तराधिकारी बनने के लिए सातों बेटे सोने का पिंजरा और तोता लेने गए। पहले 6 बेटों को न यह कि तोता हाथ नहीं लगा बल्कि जुए में वे अपना सब कुछ हार गये और भीख मांगने लगे। लेकिन मलिक मोहम्मद ने पड़ोसी राज्य के राजा की बेटी को देव से मुक्ति दिलाई और देव की एक टांग भी काट डाली। काफ़ी समस्याओं का सामना करने के बाद, मलिक मोहम्मद ने अपने भाईयों को खोज निकाला और उनके साथ सोना का पिंजरा और तोता लेने चल दिया। रास्ते में एक ऐसे राज्य पहुंचे जिसके राजा के सात बेटियां थीं। उन सातों भाईयों की राजा की सातों लड़कियों से शादी हो गई। उसके बाद सातों भाई आगे की यात्रा के लिए निकल पड़े और रास्ते में परियों की सात लड़कियों के जाल में फंस गए, लेकिन उनमें से एक की सहायता से वे वहां से निकलने में सफ़ल हो गए। मलिक मोहम्मद ने जब इस प्रकार की परिस्थितियों को देखा तो अपने भाईयों से कहा कि वे घर वापस लौट जाएं और अकेला मंज़िल की ओर चल पड़ा।
रास्ते में एक फ़क़ीर ने उसे जादू के कुछ उपकरण दिए। मलिक मोहम्मद परी की लड़की के साथ यात्रा पर निकल पड़ा और रास्ते में पड़ने वाली रुकावटों से गुज़रता चला गया। यहां तक कि वे परियों के राजा की बेटी के महल के पहले द्वार पर पहुंच गए। इस बार परियों की लड़की यानी परिज़ाद ने एक कबूतरी का रूप धारण कर लिया और महल के गुंबद पर जाकर बैठ गई ताकि देख सके कि मलिक मोहमम्मद देवों के साथ क्या करता है। मलिक मोहम्मद जब पहले द्वार पर पहुंचा तो उसने देखा कि वहां वही लंगड़ा देव संतरी है। जैसे ही देव की नज़र मलिक मोहम्मद पर पड़ी वह डर से कांपने लगा।
मलिक मोहम्मद ने कहा कि डरने की ज़रूरत नहीं है, मैं तुझ से कुछ नहीं कहूंगा। लेकिन एक शर्त है, और वह यह कि 6 द्वारों से गुज़रने में तुझे मेरी सहायता करना होगी। देव ने कहा, पांच द्वारा से गुज़र सकते हो लेकिन अंतिम द्वार से गुज़रने के लिए जिसका संतरी मेरा भाई है, तुम्हें कोई उपहार ले जाना होगा। मलिक मोहम्मद ने कहा, तुरंत खजूर और हलवा लेकर आ, जो तू लोगों से जबरन वसूल करता था। देव ने अपनी जान से बला टालने के लिए शीघ्र ही एक टोकरी खजूर और एक सीनी में हलवा और द्वार से गुज़रने का अनुमति पत्र मलिक मोहम्मद को दिया। वह चल पड़ा और हर द्वार पर अनुमति पत्र दिखाता था और गुज़रत जाता था। यहां तक कि अंतिम द्वारा पर पहुंच गया। संतरी देव ने जैसे ही अनुमति पत्र देखा कहा कि मुझे मिठाई दे ताकि तुझे यहां से गुज़रने दूं। मलिक मोहम्मद ने कहा, अपना मूंह खोल, देव ने मूंह खोल दिया और मलिक मोहम्मद ने खजूर की टोकरी और हलवे की सीनी उसके मूंह में उंडेल दी। देव ने चटख़ारा लेते हुए कहा कि मज़ेदार उपहार था। मलिक मोहम्मद परियों के राजा की लड़की के कमरे में प्रवेश कर गया। उसने देखा कि लड़की सो रही है और सोने का पिंजरा जिसमें तोता है, उसके सिर पर लटका हुआ है।
चार कोनों में चार दीप जल रहे हैं। उसने चारों दीपों के स्थान को परिवर्तित कर दिया। उसके बाद एक पत्र लिखा और लड़की के सिरहाने रख दिया। उसने पत्र में लिखा, हे परियों के राजा की बेटी, तोते और सोने के पिंजरे को मैं मलिक मोहम्मद ले जा रहा हूं। अगर मेरी खोज में आना चाहो तो फ़लां राज्य आ सकती हो। मलिक मोहम्मद चलता रहा चलता रहा यहां तक कि शहर से बाहर निकल गया। परीज़ाद भी आ गई और जब उसने देखा कि वह पिंजरे को ले आया है तो बहुत ख़ुश हुई। पुनः उसने एक बड़े परिंदे का रूप धारण कर लिया और मलिक मोहम्मद को अपने परों बैठाया और उड़ गई। वे चलते रहे चलते रहे यहां तक कि परीज़ाद के क़िले पर पहुंच गए। वहां पहुंच कर मलिक मोहम्मद ने घोड़ा, दस्तरख़ान और छड़ी को लिया और परीज़ाद के साथ उस राज्य पहुंचा जहां के राजा ने अपनी सातों बेटियों की शादी उन सातों भाईयों से कर दी थी। मलिक मोहम्मद ने अपने छः भाईयों को भी साथ लिया। उसके बाद, वे सब उस शहर तक पहुंच गए जहां लंगड़ा देव लोगों से घूस लेता था। अगले दिन वह अपने छः भाईयों और उनकी बीवियों और उनके दहेज़ के साथ चल पड़े।
लेकिन अब मलिक मोहम्मद के छः भाईयों की कथा सुनिए। जब उन्होंने देखा कि मलिक मोहम्मद ने सोने का पिंजरा और तोता प्राप्त कर लिया है और जब वे पिता के पास पुहंचेंगे तो वह राजा बन जाएगा। उसके बाद पूरी उम्र उन्हें उसके अधीन रहना पड़ेगा। वे सिर जोड़ कर बैठ और विचार करने लगे कि जिस तरह से भी उसके लिए कोई ऐसी समस्या उत्पन्न करें कि तोता और पिंजरा उनके हाथ लग जाए। वे किसी उपाय की खोज में ही थे, यहां तक कि एक कुंए के पास पहुंचे। उन्होंने कहा कि हम में से एक को कुंए में जाना चाहिए और पानी निकाल कर लाना चाहिए। मलिक मोहम्मद ने कहा, मैं क्योंकि सबसे छोटा हूं, मैं जाता हूं। यह कहकर वह नीचे उतर गया और डोलची को पानी से भरा ताकि वे उसे ऊपर खींच लें। भाईयों ने रस्सी को खींचा लेकिन अभी वह आधे रास्ते तक ही पहुंचा था कि उन्होंने रस्सी को काट दिया, मलिक मोहम्मद कूंए में जा गिरा। उसके भाई निश्चिंत हो गए और उन्होंने अपनी पत्नियों को लिया और शहर की ओर चल दिए। दूसरी ओर उन्होंने अपनी पत्नियों से कहा कि अगर उन्होंने यह बात किसी को बताई तो उसका सिर क़लम कर देंगे। पत्नियां भयभीत हो गईं और उन्होंने कहा कि वे चिंता न करें, किसी से कुछ नहीं कहेंगी। मलिक मोहम्मद कुंए में गिरकर बेहोश हो गया। जब उसे होश आया तो उसका अंग अंग दर्द कर रहा था।
उसने ऊपर की ओर देखा। उसने देखा कि एक व्यक्ति कुंए की मन पर खड़ा है और पानी भरना चाहता है। उस व्यक्ति ने पानी भरने के लिए कुंए में डोलची डाली। मलिक मोहम्मद ने रस्सी पकड़कर ऊपर आना चाहा तो उस व्यक्ति ने पूछा कि तू कौन है? तू मुझे पानी भरने दे, जो कुछ तुझे चाहिए होगा मैं क़सम खाता हूं वह तुझे दे दूंगा। मलिक मोहम्मद ने कहा, मुझे कुछ नहीं चाहिए केवल मुझे बाहर निकाल लो। उस व्यक्ति ने स्वीकार कर लिया। मलिक मोहम्मद ने उसके लिए पानी भरकर भेजा और जब ख़ुद भी कुंए से बाहर निकल आया तो उस व्यक्ति से पूछा कि तुम कौन हो। व्यक्ति ने कहा, मैं एक व्यापारी हूं और भारत से लौट रहा हूं और अपने शहर वापस जा रहा हूं। तू भी मेरे साथ चल ताकि तुझे किसी चिकित्सक को दिखा दूं ताकि तेरा उपचार कर सके।
मलिक मोहम्मद ने उस व्यक्ति के साथ जाना स्वीकार कर लिया। उसने देखा कि वहीं पास ही दस्तरख़ान, कमंडल और छड़ी पड़े हुए हैं। उसके भाई इन चीज़ों के बारे में कुछ नहीं जानते थे इसलिए बेकार समझकर उन्हें वहीं छोड़ गए। मलिक मोहम्मद ने उन्हें उठाया और उस व्यक्ति के साथ उसके शहर की ओर चल दिया। (SM)
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