इस्लामी शिक्षाओं में महिलाओं के साथ सम्मानजनक व्यवहार करने पर बल देने के बावजूद, आतंकवादी गुट दाइश ने इस्लाम के नाम पर महिलाओं के विरुद्ध खुले आम अमानवीय अत्याचार किये हैं।
निसारुद्दीन अहमद का मामला
इस्लामी गणतंत्र ईरान वह देश है जहां 17 हज़ार शहीद एसे हैं जो आतंकियों की टारगेट किलिंग का निशाना बने।
जब से 11 सितम्बर की घटना घटी है मुसलमानों को संदेह की नज़र से देखा जा रहा है और मुसलमानों को केवल मुसलमान होने के नाते आतंकवादी कहा जाने लगा है जबकि सच्चाई यह है कि आतंकवाद की सबसे बड़ी भेंट मुसलमान ही चढ़ें हैं।
हम चर्चा कर रहे हैं हिंसा और आतंकवाद के बारे में अनेक प्रकार की परिस्थितियों से निकलने वाली हिंसा की राह के बारे में।
हालिया कुछ दिनों के भीतर आतंकवाद का मुद्दा मीडिया में छाया रहा और भारतीय मीडिया में भी कई घटनाओं के बारे में विशेष रूप से चर्चा हुई।
आतंकवादी गुट दाइश ने अपने अस्तित्व में आने के समय से ही मानवता के विरुद्ध जघन्य अपराध किये हैं जो अब भी जारी हैं।
किया हिज़्बुल्लाह आतंकवाद है?