अमेरिका और रूस के मध्य सैनिक टकराव हो सकता है
(last modified Sat, 08 Oct 2016 15:33:59 GMT )
Oct ०८, २०१६ २१:०३ Asia/Kolkata

रेड लाइन्स को ध्यान में रखकर अमेरिका और रूस को क़दम उठाना चाहिये

जर्मनी के विदेशमंत्री फ्रैंक वाल्टर श्टेनमायर ने पूरब और पश्चिम के मध्य तनाव को शीत युद्ध से भी अधिक ख़तरनाक बताया है और अमेरिका तथा रूस के मध्य टकराव के बारे में चेतावनी देते हुए कहा है कि दोबारा शीत युद्ध जैसी परिस्थिति को अस्तित्व में आने से रोका जाना चाहिये।

जर्मन विदेशमंत्री के अनुसार वाशिंग्टन और मॉस्को को चाहिये कि रेड लाइन्स का ध्यान रखें और निर्धारित परिप्रेक्ष्य में ही क़दम उठायें।

आजकल विभिन्न मामलों के संबंध में रूस और अमेरिका के मध्य तनावों में वृद्धि हो गयी है। अमेरिका आधिकारिक तौर पर इस देश के राजनीतिक संगठनों व संस्थाओं पर रूस द्वारा साइबर हमले करने का आरोप लगाता है और उसने घोषणा की है कि इन हमलों का लक्ष्य अमेरिका के राष्ट्रपति चुनावों में विघ्न उत्पन्न करना है।

सीरिया को लेकर भी रूस और अमेरिका के मध्य शाब्दिक युद्ध तीव्र हो गया है। अमेरिका के विदेशमंत्री जॉन केरी सीरिया के हलब नगर में कथित युद्ध अपराधों की जांच कराये जाने की मांग कर रहे हैं। जॉन केरी के अनुसार सीरिया की सरकार और रूस उसके लिए ज़िम्मेदार हैं।

इसके मुकाबले में रूसी विदेशमंत्रालय की प्रवक्ता मारिया ज़ाखारोवा ने कहा है कि जॉन केरी का बयान केवल प्रचार है और इन शब्दों के प्रयोग का ख़तरनाक कानूनी परिणाम है।

इस आधार पर कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि जर्मनी के विदेशमंत्री ने यूरोप के सबसे बड़े देश के रूप में अमेरिका और रूस के मध्य तनावों में वृद्धि पर चिंता जताई है। सीरिया के मामले को लेकर अमेरिका और रूस के मध्य मतभेद अपने चरम पर पहुंच गया है यहां तक कि कुछ टीकाकारों का मानना है कि सीरिया में रूस और अमेरिका के मध्य सीधा सैनिक टकराव भी हो सकता है।

यह संभावना उस समय से अधिक प्रबल हो गयी है जब से अमेरिका ने यह धमकी दी है कि वह सीरियाई युद्धक विमानों को लक्ष्य बना सकता है। साथ ही रूसी विदेशमंत्रालय की प्रवक्ता ने कहा है कि मास्को ने सीरिया में रूसी सैनिक ठिकानों को मजबूत करने और S- 300 और S- 400 प्रक्षेपास्त्रिक रक्षा प्रणाली से लाभ उठाने का फैसला किया है।

बहरहाल रूस और अमेरिका के मध्य मतभेद बढ़ जाने से सीरियाई संकट के समाधान में न केवल कोई सहायता नहीं मिलेगी बल्कि वह और भी विषम रूप धारण कर लेगा। MM