Pars Today
इस्लाम के उदय के समय अरब जगत में जो माहौल था उसके बारे में जानकारी निश्चित से पैग़म्बरे इस्लाम (स) के इस महान कार्य के विभिन्न आयामों को उजागर करने में सहायक सिद्ध होगी।
हमने पैग़म्बरे इस्लाम (स) की जीवन की कुछ झलकियां पेश की थी और उनके जीवन के कुछ भागों से आप को अवगत कराया था।
हिजरी कैलेंडर के दसवें साल पैग़म्बरे इस्लाम (स) ने आदेश दिया कि लोगों के बीच यह एेलान कर दिया जाए कि वे इस साल हज करने जाएंगे।
हज़रत मुहम्मद (स) ने " यसरब" नगर में इस्लामी शासन की स्थापना करके मानव इतिहास की एक अभूतपूर्व व उदाहरणीय व्यवस्था बनायी। इस शासन में हज़रत मुहम्मद (स) शक्ति व ख्याति के प्रयास में नहीं थे बल्कि वह एक न्यायपूर्ण सरकार की स्थापना के बारे में विचार करते थे ताकि सृष्टि के रचयिता और एक ईश्वर के अलावा किसी और की उपासना न हो।
उस रात हज़रत आमेना को कुछ अजीब सा महसूस हो रहा था।
पैगम्बरे इस्लाम की पैगम्बरी के औपचारिक आरंभ से लेकर मक्का नगर से उनके पलायन करने की तेरह वर्ष की अवधि के दौरान हज़रत मुहम्मद (स) के जीवन में बहुत सी घटनाएं घटीं।
चौदह सौ साल पहले जब अरब जगत, अंधविश्वास, भ्रष्टाचार और अज्ञानता के अंधकार में डूबा हुआ था, मक्का नगर में इस्लाम का सूरज उदय हुआ और इस नगर की गलियां और लोगों के दिल, ज्ञान की रौशनी से भर गये।