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कैपिचुलेशन क्या है और इमाम खुमैनी रह. ने इसका विरोध क्यों किया?
Oct २०, २०२५ १९:२४कैपिचुलेशन या विदेशी नागरिकों को न्यायिक छूट एक ऐसा समझौता होता है जिसके अनुसार किसी विदेशी देश के नागरिकों को मेज़बान देश के न्यायालयों में मुक़दमा चलाने से छूट मिल जाती है।
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इमाम ख़ुमैनी रह. के बयान | हमारे विदेश संबंध स्वतंत्रता, स्वाधीनता, इस्लाम और मुसलमानों के हितों की रक्षा पर आधारित हैं
Oct १८, २०२५ १८:१२पार्स टुडे – ईरान की इस्लामी व्यवस्था के महान स्थापक स्वर्गीय इमाम ख़ुमैनी रह. ने इस्लामी गणराज्य के विदेश संबंधों को पारस्परिक सम्मान के सिद्धांत पर आधारित बताया और ज़ोर देकर कहा: हम अमेरिका के अत्याचार को स्वीकार नहीं करेंगे।
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इमाम ख़ुमैनी रह. के बयान | इस्लामी दृष्टिकोण में महिलाओं की समाज के निर्माण में बहुत संवेदनशील भूमिका है।
Oct १५, २०२५ १७:१६पार्स टुडे – ईरान की इस्लामी व्यवस्था के महान संस्थापक स्वर्गीय इमाम ख़ुमैनी रह.ने कहा: इस्लाम के नज़रिये में महिलाओं की इस्लामी समाज के निर्माण में बहुत महत्वपूर्ण व संवेदनशील भूमिका है।
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इमाम ख़ुमैनी के विचार | अमेरिका की दुश्मनी का कारण: ईरान के संसाधनों तक उसकी पहुँच का न होना है
Oct ०५, २०२५ १७:०३पार्स टुडे- इमाम ख़ुमैनी (रह.) ने अमेरिका की दुश्मनी का कारण ईरान के संसाधनों तक उसका पहुँच न होना बताया।
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इमाम ख़ुमैनी के विचार | इस्राइली शासन से मुक़ाबला, इस शासन की क्षेत्र में लालसा को रोकने का रास्ता है
Oct ०१, २०२५ १८:४६पार्सटुडे - ईरान की इस्लामी व्यवस्था के संस्थापक इमाम ख़ुमैनी (रह) ने ज़ायोनी शासन को मानवता का दुश्मन बताया।
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इमाम ख़ुमैनी के विचार | वैश्विक अहंकार का मुक़ाबला करने का रास्ता, उससे ग़ाफ़िल न होना और आवश्यक सैन्य तैयारी रखना
Sep २७, २०२५ १७:१९पार्स टुडे — इमाम ख़ुमैनी (रह.) ईरान की इस्लामी व्यवस्था के महान संस्थापक स्वर्गीय इमाम ख़ुमैनी रह. ने ज़ोर देकर कहा था कि जानिए कि आप एक ऐसी ताकत का सामना कर रहे हैं जिससे लापरवाही नहीं करनी चाहिए; लापरवाही न करने का मतलब यह है कि अपनी सारी ताकतें, जो भी आवाज़ निकलती है, अमेरिका के ख़िलाफ़ उठाएँ।
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इमाम ख़ुमैनी के विचार | स्वतंत्रता, विदेशियों की आज्ञा का उल्लंघन करना है
Sep ०३, २०२५ १५:४३पार्स टुडे – इस्लामी गणराज्य ईरान के महान संस्थापक स्वर्गीय इमाम ख़ुमैनी (रह) स्वतंत्रता को इस अर्थ में मानते थे कि दूसरों पर निर्भर न रहना, विदेशियों की आज्ञा का उल्लंघन करना, उनके हस्तक्षेप और प्रभाव को नकारना है तथा अपने भाग्य और निर्णयों को अपने हाथ में लेना है।
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इमाम ख़ुमैनी (रह.) के विचार: इस्लामी देशों के एकजुट होने से मुसलमानों को ऐसी ताक़त मिलेगी जिससे कोई भी उनका मुक़ाबला नहीं कर सकता
Aug २९, २०२५ १५:०६पार्स टुडे – ईरान में इस्लामी व्यवस्था के संस्थापक स्वर्गीय इमाम ख़ुमैनी (रह.) के राजनीतिक विचारों में एक प्रमुख धारणा वैश्विक इस्लामिक शासन की स्थापना थी, जिसे प्राप्त करने के लिए वह प्रयासरत थे।
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इमाम खुमैनी के 10 महत्वपूर्ण कथन: ईश्वर से संधि व वचनबद्धता, अत्याचार के विरुद्ध संघर्ष और वंचितों की मुक्ति की आशा तक
Jun ०३, २०२५ १९:३९पार्स टुडे - ईरान की इस्लामी क्रांति के नेता इमाम खुमैनी (रह.) ने अपने ईश्वरीय आंदोलन के माध्यम से इस देश और पूरे इस्लामी जगत का भाग्य बदल दिया और ऐसी क्रांति की नींव रखी जो मानवता, स्वतंत्रता, न्याय और आत्मनिर्भरता की संदेशवाहक बनी।
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फ़िलिस्तीन और कर्बला में संबंध, स्वर्गीय इमाम ख़ुमैनी रह. की बेटी सम्मानित, एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन की रिपोर्ट
Oct २१, २०२४ १६:४५पार्सटुडे- अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में भाग लेने वालों ने कहा है कि मुजाहिदों ने प्रतिरोध की संस्कृति को कर्बला से लिया है।