एस जयशंकर की ताशक़न्द में अशरफ़ ग़नी से मुलाक़ात, तालेबान को लेकर चर्चा
(last modified Fri, 16 Jul 2021 05:57:06 GMT )
Jul १६, २०२१ ११:२७ Asia/Kolkata
  • एस जयशंकर की ताशक़न्द में अशरफ़ ग़नी से मुलाक़ात, तालेबान को लेकर चर्चा

उज़्बेकिस्तान की राजधानी ताशक़न्द में गुरुवार को भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अफ़ग़ान राष्ट्रपति अशरफ़ ग़नी, अमरीका की उपराष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और विशेष दूत सहित कई दूसरे देशों के विदेश मंत्रियों से मुलाक़ात की।

इसी तरह उन्होंने तालेबान और अफ़ग़ान पक्षों के बीच बातचीत को फिर से पटरी पर लाने की कोशिश का भी ज़िक्र किया। ताशक़न्द में कनेक्टिविटी कॉन्फ़्रेंस से पहले जयशंकर की मुलाक़ातों पर, अफ़ग़ानिस्तान में बढ़ती हिंसा और तालेबान के बढ़ते क़दम पर चिंता छायी रही। इस मुलाक़ात के बाद, जो अफ़ग़ानिस्तान से अमरीका और नेटो फ़ोर्सेज़ के इसी महीने बगराम एयरबेस से बाहर निकलने के कुछ ही दिनों के भीतर तेज़ी से बदलते हालात और तालेबान के बढ़ते क़दम पर केन्द्रित थी, एस जयशंकर ने ट्वीट में कहाः “अफ़ग़ानिस्तान और उसके आस-पास के हालात पर चर्चा हुयी। अफ़ग़ानिस्तान में शांति, स्थिरता और विकास के लिए अपने समर्थन पर पुनः ताकीद की।”

सूत्रों के मुताबिक़, ग़नी सरकार अफ़ग़ान राष्ट्रीय रक्षा व सुरक्षा फ़ोर्सेज़ के साथ सैन्य रणनीति की समीक्षा कर रही है, जिसमें तालेबान से निपटने की टैक्टिक में बदलाव आ सकता है, जिसने पिछले हफ़्ते कई अहम क़स्बों और सीमावर्ती चेकपोस्टों पर नियंत्रण कर लिया है। यह क़ंधार से वाणिज्य दूतावास से सभी भारतीय कर्मचारियों को बाहर निकालने के सरकार के फ़ैसले के बाद, नई दिल्ली-काबुल के बीच पहली उच्च स्तरीय बैठक थी। आंतरिक समीक्षा यह है कि तालेबान चूंकि कई बड़ी आबादी वाले शहरों पर क़ब्ज़ा करने में नाकाम रहे हैं, इसलिए वे क़ंधार पर क़ब्ज़ा करने की कोशिश करेंगे जो उनका पारंपरिक गढ़ है।

सूत्रों ने बताया कि राष्ट्रपति ग़नी, तालेबान के क़ब्ज़े से कई रणनैतिक इलाक़ों को वापस लेने का संकल्प रखते हैं।भारतीय विदेश मंत्री ने अमरीका की उपराष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार एलिज़ाबेथ शेरवुड और अफ़ग़ान मामलों में अमरीका के विशेष दूत ज़लमाय ख़लीलज़ाद से भी मुलाक़ात की जो कॉन्फ़्रेंस में भाग लेने ताशक़न्द पहुंचे थे।

ग़ौरतलब है कि अमरीका के अफ़ग़ानिस्तान में बिना सीज़ फ़ायर या दोहा में अफ़ग़ान सरकार और तालेबान के बीच किसी तरह की राजनैतिक सहमति का इंतेज़ार किए बिना, अफ़ग़ानिस्तान से निकलने पर भारत को चिंता है। भारतीय विदेश मंत्री ने अफ़ग़ानिस्तान के हालात के बारे में क़ज़्ज़ाक़ उपप्रधान मंत्री व विदेश मंत्री मुख़्तार तिलूबेर्दी से और क्षेत्रीय कनेक्टिविटी के बारे में बंग्लादेश के विदेश मंत्री अब्दुल मोमिन से चर्चा की। (MAQ/N)

 

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