Jan ०२, २०२२ ०९:४६ Asia/Kolkata
  • सरकार का काम तो केवल हिंदु-मुस्लिम को लड़ाना हैः टिकैत

किसान नेता राकेश टिकैत ने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि इस समय देश के अंदर के हालात ठीक नहीं हैं। 

भारतीय संचार माध्यमों के अनुसार राकेश टिकैत कहते हैं कि यह सरकार कभी भी गरीब, मजदूर, बेरोजगार महंगाई, स्वास्थ्य व शिक्षा जैसे मुद्दों पर बात नहीं करती है। इनका काम हिंदु और मुसलमानों को लड़ाना है।  यह लोगों को गुमराह करते हैं।

किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि केंद्र सरकार ऑस्ट्रेलिया के साथ दूध खरीदने को लेकर अगले महीने समझौता करने जा रही है।  उन्होंने कहा कि आस्ट्रेलिया से दूध का आयात करना ग़लत है। देश का पशुधन, सिर्फ दूध नहीं देता बल्कि खेत की मिट्टी को भी ठीक करता है।  टिकैत ने कहा कि विदेश की कंपनी से दूध आएगा तो देश के पशु कैसे बचेंगे? उनका कहना है कि अब दूध को 20-22 रुपए प्रति किलो के दाम पर बेचने की योजना है।

किसान नेता टिकैत ने कहा कि केंद्र में बैठी सरकार पूंजीपतियों के बारे में ही नीतियां बनाती है।  इनका काम तो सिर्फ हिंदू-मुस्लिम को लड़ाना है।  उन्होंने कहा कि कई प्रदेशों में दौरा करके देखा कि दूरदराज के इलाकों के किसान व आदिवासी लोगों का अबतक विकास नहीं हुआ।  उन्होंने उड़ीसा के बुजुर्ग किसानों का हवाला देकर कहा कि उन लोगों ने अपने जीवन में भुवनेश्वर शहर तक नहीं देखा। उन लोगों को एमएसपी का पता नहीं है।  उनका धान भी 800 रुपये क्विंटल खरीदा जाता है।

राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार की तानाशाही नहीं चलने दी जाएगी।  उन्होंने कहा कि दिल्ली और चंडीगढ़ में जो नीतियां बनाई जाती है वह जनहित के लिए नहीं होती।  टिकैत के अनुसार मजदूरों और किसानों की लड़ाई बाकी है।

टिकैत के अनुसार देश के लोग कहते थे कि यह मोदी है तो मुमकिन है।  मोदी आंदोलन को खत्म कर देगा।  उन्होंने कहा कि किसानों की एकता ने यह बता दिया कि अगर एकता हो बड़े से बड़े तानाशाह को भी झुकना पड़ता है और माफी भी मांगनी पड़ती है।  उन्होंने कहा कि यह अभी शुरूआत है और उनकी लड़ाई अभी बाकी है।

भाकियू प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि किसानों की आय दोगुनी होगी, लेकिन नहीं हुई। किसानों से आह्वान किया कि सरकार के लोग आपके बीच आएंगे तो पूछना कि आय दोगुनी का फार्मूला क्या है।  सरकार जबतक एमएसपी पर काम नहीं करेगी किसानों की आय नहीं बढ़ेगी।

उन्होंने किसानों से अपील की कि वे अपनी जमीनों को ज्यादा से ज्यादा अपने पास रखें और बैंकों से कर्जा ना लें।  उन्होंने कहा कि मोदी सरकार एसबीआई बैंक को अडानी को देना चाहती है ताकि इनके माध्यम से किसानों को लोन दे दे और कर्ज न देने के बाद में उसकी जमीन छुड़ाना चाहती है।  बैंकिंग को निजी सेक्टर में लाकर देश के किसानों को ज्यादा से ज्यादा कर्ज में लाना है  यह सरकार की पूंजीपतियों को हर सरकारी चीज बेचने की रणनीति है।

किसान नेता राकेश टिकैत ने किसानों से कहा कि दिल्ली के किसान आंदोलन की मीटिंग का पूरे देश में संदेश गया है। टिकैत का कहना था कि किसानों की 13 महीने की लड़ाई से सरकार को अपने तीनों कृषि कानूनों को रद्द करना पड़ा।

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