चाबहार बंदरगाह, भारत-ईरान संबंधों की मज़बूत कड़ी, सोनोवाल ने किया विशाल बंदरगाह का निरीक्षण
भारत के जहाज़रानी और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने ईरान के दक्षिणी तट पर सिस्तान-बलूचिस्तान प्रांत में स्थित विशाल चाबहार बंदरगाह का निरीक्षण किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि ईरान का चाबहार बंदरगाह भारत के लिए भूमि से घिरे क्षेत्रों तक समुद्री पहुंच प्राप्त करने के लिए एक बहुत ही आवश्यक परियोजना है। यह सुविधा क्षेत्र के लिए एक वाणिज्यिक पारगमन केंद्र के रूप में उभरी है और भारत और वैश्विक बाज़ार तक पहुंचने के लिए भूमि से घिरे देशों के लिए एक अधिक सस्ता और स्थिर मार्ग है।
चाबहार बंदरगाह का निरीक्षण करने के बाद भारत के जहाज़रानी और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने ट्वीट किया, "ईरान के चाबहार में शहीद बहिश्ती बंदरगाह का दौरा किया और निरीक्षण किया। बंदरगाह भारत द्वारा संचालित है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण के नेतृत्व में हमारे द्विपक्षीय संबंधों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।" उन्होंने कहा, "भारत चाबहार बंदरगाह के विकास के लिए प्रतिबद्ध है। यह अंतर्राष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारे की एक महत्वपूर्ण कड़ी है, जो मध्य एशिया को दक्षिण पूर्व एशिया और आसियान के बाज़ारों के लिए खोलता है।" सोनोवाल ने अपने ट्वीट में आगे कहा, "चब से भारत ने चाबहार में शहीद बहिश्ती बंदरगाह का संचालन ग्रहण किया है, इसने 4.8 मिलियन टन से अधिक बल्क कार्गो को संभाला है। बंदरगाह को ऑस्ट्रेलिया, बांग्लादेश, ब्राज़ील, जर्मनी, ओमान, रोमानिया, रूस, थाईलैंड, यूएई, यूक्रेन और उज़्बेकिस्तान सहित अन्य देशों से शिपमेंट प्राप्त हुआ है।"
बता दें कि वर्ष 2015 में, भारत ईरान के चाबहार बंदरगाह और एक संबंधित रेलवे को विकसित करने में मदद करने के लिए सहमत हुआ, जो भारत को पाकिस्तान द्वारा बेरोकटोक भू-क्षेत्रों के साथ व्यापार करने में सक्षम बनाएगा। फरवरी 2021 में, भारत ने चाबहार पोर्ट अधिकारियों को 140 टन के दो मोबाइल हार्बर क्रेन सौंपे थे। चाबहार बंदरगाह पर भारत के पश्चिमी तट से आसानी से पहुंचा जा सकता है और इसे चाबहार से लगभग 80 किमी की दूरी पर स्थित पाकिस्तान के ग्वादर बंदरगाह के काउंटर के रूप में देखा जा रहा है। (RZ)
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