इस्लामी क्रांति के नेता द्वारा "रोज़वेल्ट स्ट्रीट का स्टा᳴प" किताब पर review/ ईरान में अमेरिकी दूतावास के बंद होने की कहानी
पार्सटुडे- इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता इमाम ख़ामेनेई ने "रोज़वेल्ट स्ट्रीट का स्टा᳴प" नामक किताब का अध्ययन करने के बाद उसका review किया है और उसके बाद यह किताब प्रकाशित की गयी।
इस किताब में तेहरान में अमेरिकी दूतावास से प्राप्त साक्ष्यों व सबूतों का उल्लेख किया गया है।
"रोज़वेल्ट स्ट्रीट का स्टा᳴प" किताब को मोहम्मद महबूबी ने लिखा है और उन्होंने इस किताब में ईरान में इस्लामी क्रांति के सफ़ल हो जाने के बाद अमेरिका की जासूसी और ग़ैर जासूसी गतिविधियों की ओर संकेत किया है। इसी प्रकार उन्होंने अपनी किताब में तेहरान में अमेरिकी दूतावास पर ईरानी छात्रों द्वारा नियंत्रण करने की घटना का पूरा वर्णन किया है।
ईरानी छात्रों ने नवंबर 1979 में अमेरिकी दूतावास पर नियंत्रण किया था। मोहम्मद महबूबी ने अपनी किताब में ईरानी छात्रों द्वारा बंधक बनाये गये अमेरिकियों को जनवरी 1981 में आज़ाद किये जाने तक घटनाओं का उल्लेख किया है। पार्सटुडे की रिपोर्ट के अनुसार इस किताब में कुछ उन दस्तावेज़ों को पहली बार प्रकाशित किया गया है जो अब तक प्रकाशित नहीं हुए थे।
इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता ने "इस्तगाहे ख़याबाने रुज़वेल्त" अर्थात "रोज़वेल्ट स्ट्रीट का स्टा᳴प" नामक किताब का अध्ययन करने के बाद उसका review किया और बुधवार को उनकी रचनाओं को सुरक्षित व प्रकाशित करने के कार्यालय की ओर से उसे प्रकाशित किया गया।
इमाम ख़ामेनेई के review में आया हैः
इस किताब में लिखी गयी बातें विश्वसनीय और बहुत फ़ाएदे वाली हैं। यह किताब इस्लामी क्रांति के इतिहास की एक महत्वपूर्ण घटना की जानकारी देती है यानी 1358 हिजरी शमसी अर्थात नवंबर 1979 में अमेरिका के जासूसी केन्द्र पर नियंत्रण करने की घटना...दुश्मनों और हमारा बुरा चाहने वालों ने बहुत सी घटनाओं को उल्टा बयान किया है।
इमाम ख़ामेनेई ने इसी प्रकार "रोज़वेल्ट स्ट्रीट का स्टा᳴प" नामक किताब का जो review किया है उसके टेक्सट को प्रवाहपूर्ण और उसके विश्लेषण को तार्किक एवं सच्चाई पर आधारित बताया है और इस किताब के लेखक के मूल्यवान प्रयासों की प्रशंसा एवं उसकी क़द्रदानी की है। इस्लामी क्रांति के नेता ने इसी प्रकार इस किताब के नाम के चयन को उत्तम बताया है। MM
कीवर्ड्सः इमाम ख़ामेनेई कौन हैं? "इस्तगाहे ख़याबाने रूज़वेल्त" नामक किताब, ईरान और अमेरिका, जासूसी केन्द्र पर क़ब्ज़ा