जर्मन विदेश मंत्री की भारत यात्रा पर भी रूस-यूक्रेन युद्ध के बादल छाए रहे! बेयरबॉक ने कहा भारत एक आदर्श देश
(last modified Tue, 06 Dec 2022 03:03:25 GMT )
Dec ०६, २०२२ ०८:३३ Asia/Kolkata
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जर्मनी की विदेश मंत्री अनालेना बेयरबॉक दो दिनों की भारत यात्रा पर हैं। उन्होंने भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर से कई विषयों पर बातचीत की और भारत को दुनिया भर में कई देशों के लिए एक आदर्श देश भी बताया।

प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक़, जर्मनी की विदेश मंत्री अनालेना बेयरबॉक ने अपनी दिल्ली यात्रा के दौरान भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ कई विषयों पर बातचीत की। जयशंकर ने पत्रकारों को बताया कि इन विषयों में यूक्रेन, इंडो-पैसिफिक क्षेत्र, अफ़ग़ानिस्तान, पाकिस्तान, ईरान और सीरिया शामिल थे। दोनों नेताओं ने औपचारिक बातचीत के बाद दोनों देशों के बीच माइग्रेशन और मोबिलिटी को लेकर एक महत्वपूर्ण संधि पर हस्ताक्षर किए। इस संधि का उद्देश्य दोनों देशों के लोगों के लिए एक दूसरे के देश में पढ़ना, शोध करना और काम करना आसान बनाना है। इस बीच यूक्रेन युद्ध की पृष्ठभूमि में रूस के साथ भारत के रिश्तों को लेकर जर्मनी और अन्य पश्चिमी देश असहज रहे हैं। इसका असर जर्मनी के पत्रकारों द्वारा भारतीय विदेश मंत्री से पूछे गए सवालों में साफ़ दिखा। रूस से जीवाश्म ईंधनों के आयात से जुड़े एक सवाल के जवाब में जयशंकर ने कहा कि यूक्रेन युद्ध की शुरुआत से लेकर अभी तक यूरोपीय संघ ने रूस से इतने जीवाश्म ईंधन का आयात किया है जितना उसके बाद के 10 देशों ने मिला कर नहीं किया है। विदेश मंत्री ने यह भी कहा कि अधिकांश यूरोपीय सरकारें यह समझती हैं कि हर देश अपने हित के हिसाब से अपने विकल्पों को चुनता है और यूरोपीय मीडिया को भी यह समझना चाहिए।

दोनों नेताओं के बीच चीन को लेकर भी बातचीत हुई। बेयरबॉक ने पत्रकार वार्ता के दौरान कहा कि चीन जर्मनी के लिए कई मायनों में एक प्रतियोगी और एक प्रतिद्वंदी है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि भारत जर्मनी का पुराना और महत्वपूर्ण व्यापारिक साझेदार है। इस बीच जयशंकर ने बताया कि उन्होंने जर्मन विदेश मंत्री के साथ बातचीत में जर्मनी में डेढ़ साल की भारतीय बच्ची अरीहा शाह का मुद्दा भी उठाया। जर्मनी में बाल कल्याण अधिकारियों ने अरीहा के माता पिता पर बच्ची के साथ क्रूरता का आरोप लगाया है और पिछले 14 महीनों से उसे माता पिता की जगह अपने पास रखा हुआ है। अरीहा के परिवार के सदस्य इसके विरोध में पिछले कई दिनों से दिल्ली में जर्मनी के दूतावास के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं। जयशंकर ने बेयरबॉक से कहा, "हमें इस बात की चिंता है कि बच्ची को अपनी भाषाई, धार्मिक, सामाजिक और सांस्कृतिक वातावरण में होना चाहिए और भारत सरकार इस मुद्दे पर काम कर रही है।" बेयरबॉक ने कहा कि वह ख़ुद दो बच्चियों की मां हैं और स्थिति को समझती हैं, लेकिन मामला इस समय जर्मनी की एक अदालत में है। बता दें कि बेयरबॉक मंगलवार छह दिसंबर को जर्मनी वापस लौट जाएंगी। (RZ)

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