हिज़्बुल्लाह का कौन सा ड्रोन नेतनयाहू के आवास से टकराया ?
पार्सटुडे- ज़ायोनी सरकार के एक विश्लेषक ने लेबनान के हिज़्बुल्लाह के ड्रोन से मुक़ाबले में इस्राईल की कमज़ोरी को स्वीकार किया है।
एक ज़ायोनी सैनिक विश्लेषक अमीर बूख़बूत ने न्यूज़ एजेन्सी "वल्ला" के साथ बातचीत में कहा है कि अवैध अधिकृत फ़िलिस्तीन की ओर जो ड्रोन छोड़ा गया था उसके मुक़ाबले में ज़ायोनी सेना कमज़ोर है। उसने हिज़्बुल्लाह की ओर से छोड़े गये हालिया ड्रोन सहित विभिन्न घटनाओं की ओर संकेत किया और कहा कि यह चीज़ें इस बात की गवाह हैं कि इस्राईली सेना इनके मुक़ाबले में कमज़ोर है।
पार्सटुडे ने न्यूज़ एजेन्सी इर्ना के हवाले से बताया है कि अमीर बूख़बूत ने इस संबंध में कहा कि ड्रोन विमानों से जो चुनौतियां उत्पन्न हुई हैं वे आज स्पष्ट नहीं हुई हैं बल्कि 7 अक्तूबर 2023 से ही सबके लिए स्पष्ट हो चुकी हैं।
बूख़बूत की घोषणा के अनुसार हिज़्बुल्लाह के ड्रोन विमानों को पता लगाकर उन्हें मार गिराना बहुत कठिन व जटिल है। क्योंकि ये ड्रोन राडार की पकड़ में नहीं आते हैं और वे काफ़ी नीचे से उड़ते हैं और यह वह चीज़ है जिसकी वजह से इस्राईल की वायुसेना की ताक़त उन्हें लक्ष्य बनाने में कमज़ोर है।
इस ज़ायोनी विश्लेषक ने आगे कहा कि एक ड्रोन का राडार पर न आना और इस्राईल के प्रधानमंत्री के आवास के निकट तक उसका पहुंच जाना एक ऐसा झटका था जो गोलानी छावनी को लक्ष्य बनाने से कम नहीं था।
ज़ायोनी सेना ने 23 सितंबर से दक्षिणी लेबनान के विभिन्न क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर हमले आरंभ कर रखा है कि उसे हिज़्बुल्लाह के मुंहतोड़ और करारे जवाब का सामना है।
लेबनान के स्वास्थ्य मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार लेबनान पर ज़ायोनी सरकार के हमलों में अब तक दो हज़ार 546 लेबनानी शहीद और हज़ारों घायल हो चुके हैं।
ज़ायोनी सरकार अपने हमलों में लेबनान के आम नागरिकों को लक्ष्य बना रही है और हिज़्बुल्लाह ज़ायोनी सरकार के अपराधों के मुक़ाबले में चुप नहीं बैठा है और इस्राईल के अतिक्रमण के आरंभ से ही उसने अवैध अधिकृत फ़िलिस्तीन के उत्तर में ज़ायोनी सैनिकों के ठिकानों और ज़ायोनी क़स्बों को लक्ष्य बना रखा है। MM