Jan ३०, २०२४ १५:४१ Asia/Kolkata
  • क्या भारत, तालिबान सरकार को मान्यता देने की तैयारी कर रहा है?

भारत ने सोमवार 29 जनवरी को अफ़ग़ानिस्तान पर अगले महीने संयुक्त राष्ट्र द्वारा बुलाई गई बैठक से पहले तालिबान सरकार द्वारा आयोजित एक ‘क्षेत्रीय सम्मेलन’ में हिस्सा लिया। अफ़ग़ानिस्तान की राजधानी काबुल में आयोजित यह इस तरह का पहला कार्यक्रम था।

अफ़ग़ानिस्तान की ‘क्षेत्रीय सहयोग पहल’ नाम की इस बैठक की अध्यक्षता तालिबान के विदेश मंत्री अमीर ख़ान मुत्तक़ी ने की। इसमें रूस और चीन के विशेष दूतों ने भी भाग लिया।

इसके अलावा बैठक में भारत, पाकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान, क़ज़ाक़िस्तान और उज़्बेकिस्तान के रेजिडेंट राजनयिकों ने हिस्सा लिया।

चूंकि तालिबान सरकार को अब तक औपचारिक अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त नहीं हुई है, इसलिए बैठक में उपस्थित राजनयिकों को ‘राजदूत’ के रूप में नहीं, बल्कि ‘चीफ डी’अफेयर्स’ के रूप में नामित किया गया था।

भारत के मामले में नई दिल्ली की काबुल में एक ‘तकनीकी’ टीम है, जिसके प्रमुख रामबाबू चेलप्पा ने सम्मेलन में भाग लिया।

तालिबान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता द्वारा सोशल साइट एक्स पर किए गए एक पोस्ट के अनुसार, भारत के प्रतिनिधि ने कहा कि उसने अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय पहल में सक्रिय रूप से भाग लिया और ‘अफ़ग़ानिस्तान की स्थिरता और विकास के लिए हर प्रयास का समर्थन करता है’।

इस दौरान तालिबान के विदेश मंत्री ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव द्वारा अफ़ग़ानिस्तान के लिए एक विशेष दूत की नियुक्ति का विरोध दोहराया।

पिछले महीने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने एक प्रस्ताव पारित किया था, जिसमें युद्धग्रस्त अफ़ग़ानिस्तान के साथ व्यापक जुड़ाव के हिस्से के रूप में संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत को नियुक्त करने का आह्वान किया गया था। रूस और चीन इससे अनुपस्थित रहे, लेकिन उन्होंने इस प्रक्रिया को रोकने के लिए अपने वीटो का इस्तेमाल किया।

तालिबान के विदेश मंत्री मुत्ताकी ने कहा कि ‘अफ़ग़ानिस्तान एक ऐसे देश के रूप में जो लंबे समय से थोपे गए संघर्षों से गुज़रा है और उसने शांति, सुरक्षा तथा स्थिरता हासिल की है, उसे संयुक्त राष्ट्र संघ के किसी विशेष प्रतिनिधि /या यूएनएएमए के साथ नए मिशन की ज़रूरत नहीं है, लेकिन यह सरकार तैयार है और विभिन्न क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय पक्षों के साथ आम और संबंधित मुद्दों पर बातचीत करने की, उसके पास क्षमता है।

उन्होंने भाग लेने वाले देशों से ‘आगामी दोहा बैठक में आज के अफ़ग़ानिस्तान की जमीनी हकीकत को चित्रित करने’ का भी आग्रह किया।

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस 18-19 फ़रवरी को कतर की राजधानी दोहा में अफ़ग़ानिस्तान पर क्षेत्रीय देशों और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के विशेष दूतों की एक बैठक की मेजबानी करेंगे। (AK)

 

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