कांग्रेस ने चुनाव आयुक्त के त्यागपत्र को बताया चिंताजनक, मांग की स्पष्टीकरण की
चुनाव आयुक्त अरुण गोयल के इस्तीफ़े के बारे में कांग्रेस ने इसको बहुत ही संवेदनशील मुद्दा बताया है।
कांग्रेस पार्टी ने भारतीय चुनाव आयुक्त के इस्तीफ़े पर चिंता व्यक्त करते हुए इसको भारतीय लोकतंत्र के लिए बहुत गंभीर चिंता का विषय बताया है। कांग्रेस का कहना है कि इस संबन्ध में स्पष्टीकरण दिया जाना चाहिए।
भारतीय संचार माध्यमो के अनुसार कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन कहते हैं कि संस्थाओं की बर्बादी को अगर नहीं रोका गया तो देश के लोकतंत्र पर तानाशाही का नियंत्रण हो जाएगा। उन्होंने एक्स पर पोस्ट किया है कि भारत में अब केवल एक चुनाव आयुक्त है जबकि कुछ ही समय के बाद लोकसभा के चुनावों की घोषणा होनी है। कांग्रेस के अध्यक्ष ने यह भी कहा कि देश का निर्वाचन आयोग, अब ध्वस्त होने वाली अन्तिम लोकतांत्रिक संस्था होगी। खरगे ने मांग की है कि प्रधानमंत्री मोदी को इसका उचित स्पष्टीकरण देना चाहिए।
इसी बीच कांग्रेस के संगठन महासचिव के सी वेणुगोपाल ने कहा है कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के लिए यह गंभीर चिंता की बात है कि लोकसभा चुनाव से ठीक पहले देश के चुनाव आयुक्त अरुण गोपाल ने त्यागपत्र दे दिया है। उनका कहना है कि सरकार, निर्वाचन आयोग पर दबाव डालती है।
वेणुगोपाल ने यह भी कहा कि 2019 के लोकसहा चुनावों के दौरान आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन को लेकर अशोक ल्वासा ने प्रधानमंत्री मोदी को क्लीन चिट देने पर असहमति जताई थी। चुनाव के बाद उनको लगातार पूछताछ का सामना करना पड़ा। कांग्रेस के संगठन महासचिव के सी वेणुगोपाल के अनुसार इस प्रकार का व्यवहार बताता है कि वर्तमान शासन, लोकतांत्रिक परंपराओं को नष्ट करने पर तुला हुआ है।
याद रहे कि भारत में 2024 के लोकसभा चुनावों की तिथि की संभावित घोषणा से ठीक पहले चुनाव आयुक्त अरुण गोयल ने शनिवार को अपने पद से त्यागपत्र दे दिया। उनका कार्यकाल दिसंबर 2027 तक था।