लखनऊ में अधिकारों को लेकर, शिया सुन्नी मुसलमानों का शांति मार्च
https://parstoday.ir/hi/news/india-i24781-लखनऊ_में_अधिकारों_को_लेकर_शिया_सुन्नी_मुसलमानों_का_शांति_मार्च
लखनऊ में शिया और सुन्नी धर्मगुरुओं सहित हज़ारों की संख्या में आम मुसलमानों ने उत्तर प्रदेश सहित पूरे देश में मुसलमानों के साथ हो रहे अन्याय के ख़िलाफ़ एक शांति मार्च निकाला।
(last modified 2023-04-09T06:25:50+00:00 )
Sep २८, २०१६ २१:११ Asia/Kolkata
  • लखनऊ में अधिकारों को लेकर, शिया सुन्नी मुसलमानों का शांति मार्च

लखनऊ में शिया और सुन्नी धर्मगुरुओं सहित हज़ारों की संख्या में आम मुसलमानों ने उत्तर प्रदेश सहित पूरे देश में मुसलमानों के साथ हो रहे अन्याय के ख़िलाफ़ एक शांति मार्च निकाला।

 भारत के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बुधवार को हज़ारों शिया और सुन्नी मुसलमानों ने सैकड़ों धर्मगुरुओं के नेतृत्व में एक शांति मार्च निकाला और राज्य और केंद्र सरकार से देश की सर्वोच्च अदालत के फ़ैसले को लागू करने की मांग की। शांति मार्च में शामिल भारत में सुन्नी मुसलमानों के वरिष्ठ धर्मगुरू व काज़ी शहर मौलाना अबुल इरफ़ान फ़िरंगी महली ने कहा कि बरसों पहले देश की सर्वोच्च अदालत ने देश भर की मस्जिदों के इमामों और मोअज़्ज़िनों को वेतन देने का आदेश दिया था।

 

उन्होंने कहा कि 23 साल पहले आए कोर्ट के आदेश का न केंद्र की सरकारों ने पालन किया और न ही राज्य सरकारों ने। मौलाना फिरंगी महली ने कहा कि देश की राज्य सरकारें और केंद्र सरकार मिलकर इमामों और मोअज़्ज़िनों को मासिक वेतन दिलाएं।

शांति मार्च में शामिल भारत में शिया मुसलमानों के वरिष्ठ धर्मगुरू और इमामे जुमा लखनऊ मौलाना कल्बे जवाद ने कहा कि देश के कुछ राज्यों में मस्जिद के इमामों और ओअज़्ज़नों के वेतन दिया जाता है पर यूपी की समाजवादी सरकार ने, जो मुसलमानों की हमदर्दी का दम भरती है, आज तक इस विषय पर बात भी करना उचित नहीं समझा है।

 

मौलाना कल्बे जवाद ने कहा कि वक्फ़ बोर्ड सरकारों के आदेश पर काम कर रहे हैं और नेताओं की जेब भरने में लगे हुए हैं जबकि राज्य की मस्जिदों की हालत बुरी है। उन्होंने कहा कि वक़्फ़ बोर्ड चाहे सुन्नी हो या शिया उसमें हो रहे घोटालों की सीबीआई जांच होनी चाहिए। मौलाना ने कहा कि मगर दोनों वक़्फ़ बोर्डों में इतना करप्शन है कि सरकारें जांच कराने से भागती हैं। उन्होंने कहा कि मुसलमानों की वक़्फ़ की संपत्तियों को लूटने वालों को जांच के नाम से ही डर लगता है।

मौलाना कल्बे जवाद ने मांग की है कि देश भर के वक़्फ़ बोर्डों को मुस्लिम धर्मगुरुओं के हवाले किया जाए ताकि उनको इस्लामी क़ानूनों के अनुसार चलाया जाए और साथ ही देश भर की सारी मस्जिदों के इमामों और मोअज़्ज़नों को मासिक वेतन दिया जाए। (RZ)