Aug ३१, २०२० १७:५३ Asia/Kolkata
  • सुप्रीम कोर्ट ने अवमानना मामले में प्रशांत भूषण पर सज़ा के रूप में 1 रुपये का जुर्माना लगाया

भारत के उच्चतम न्यायालय ने वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण को अदालत की अवमानना के मामले में सज़ा सुना दी है।

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को अवमानना मामले में प्रशांत भूषण की सज़ा का ऐलान करते हुए 15 सितम्बर तक उसकी रजिस्ट्री में एक रुपये की जुर्माना राशि जमा करने का निर्देश दिया। अदालत ने कहा है कि अगर वे इसे जमा नहीं करा सके तो उन्हें तीन महीने की जेल हो सकती है और उनकी वकालत के लाइसेंस को तीन साल तक रद्द किया जा सकता है। जस्टिस अरुण मिश्रा की अध्यक्षता में जस्टिस बी आर गवई और जस्टिस कृष्ण मुरारी की तीन सदस्यीय पीठ ने यह फ़ैसला सुनाया है। अदालत ने कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर अंकुश नहीं लगाया जा सकता लेकिन दूसरों के अधिकारों का भी सम्मान किया जाना चाहिए।

 

पीठ ने पिछली सुनवाई में भूषण को अदालत से माफ़ी मांगने के लिए कहा था लेकिन उन्होंने तुरंत ही इससे इन्कार कर दिया था। इसके बाद अदालत ने 14 अगस्त को भूषण को न्यायपालिका के ख़िलाफ़ अपमानजनक ट्वीट के लिए आपराधिक अवमानना का दोषी ठहराया था और सोमवार को उन पर सज़ा के तौर पर एक रुपये का जुर्माना लगा दिया है। फ़ैसला आने के बाद प्रशांत भूषण ने कहा है कि उन्होंने पहले ही कह दिया था सुप्रीम कोर्ट मेरे ख़िलाफ़ जो भी फ़ैसला देगा मैं उसे मान लूंगा और मैं सम्मानपूर्वक जुर्माना चुकाऊंगा। उन्होंने कहा कि मेरा ट्वीट सुप्रीम कोर्ट या न्यायपालिका को चोट पहुंचाने के लिए नहीं किया गया था। प्रशांत भूषण ने कहा कि हर भारतीय मजबूत न्यायपालिका चाहता है और अगर न्यायपालिका कमज़ोर हो तो देश और लोकतंत्र कमजोर होता है। उन्होंने अपने समर्थन के लिए भारत की जनता का शुक्रिया अदा किया। (HN)

 

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