Jul ०१, २०२१ १६:०५ Asia/Kolkata
  • न्यायपालिका के नये प्रमुख मोहसिनी एजेई की ज़िंदगी में आए कई उतार चढ़ाव, किसान परिवार का बच्चा कहां से कहां पहुंचता है, जानिए उनके बारे में विस्तार से???????

ईरान के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने एक आदेश में ग़ुलाम हुसैन मोहसिनी एजेई को न्यायपालिका का न्या प्रमुख नियुक्त किया है।

न्यायपालिका के नये प्रमुख मोहसिनी एजेई का जन्म 1956 को ईरान के केन्द्रीय शहर इस्फ़हान के जुलगा ज़िले के एजे गांव में हुआ था। ग़ुलाम हुसैन एजेई इस गांव के उस घर में पैदा हुए जिसमें उनके पिता किसान और मां घरेलू महिला थीं। उनके माता पिता की सात संतानें थीं चार लड़की और तीन लड़के। उनका परिवार एक धार्मिक परिवार था।

ग़ुलाम हुसैन मोहसिनी एजेई के पिता शैख़ इस्माईल के नाम से मशहूर थे। वह किसानी के साथ पढ़ने और पढ़ाने का भी शौक़ रखते थे और इस्लामी ज्ञानों और किताबों से उनको बहुत लगाव था। उनके स्थानीय धर्मगुरूओं और वक्ताओं के सथ गहरे और अच्छे संबंध हुआ करते थे और वह कभी कभी लोगों के बीच भाषण दिया करते थे और उनको अच्छी अच्छी बातें बताया करते थे।

इस्लामी क्रांति से पहले भी वह इमाम ख़ुमैनी के अनुसरणकर्ता थे और पवित्र प्रतिरक्षा के काल के आठ वर्षों में उन्होंने मैदाने जंग में रहकर अपने देश की रक्षा की।

उनके पिता की दिली इच्छा थी कि उनका बेटा धार्मिक शिक्षा ग्रहण करे क्योंकि वह पैग़म्बरे इस्लाम के परिजनों से विशेष लगाव रखते थे। इस्फ़हान के इमामे जुमा सैयद हसन बहिश्ती नेजाद की सलाह पर ग़ुलाम हुसैन अभी 16 साल के ही थे कि उनके पिता ने उन्हें धार्मिक शिक्षा हासिल करने के केन्द्र के में डाल दिया।  ग़ुलाम हुसैन एजेई ने अपनी धार्मिक शिक्षा को आगे बढ़ाने के लिए पवित्र नगर क़ुम कर रुख़ किया और उन्होंने हक़्क़ानी धार्मिक केन्द्र में जो शाही शासन से संघर्ष का महत्वपूर्ण केन्द्र था और शहीद बहिश्ती की उस पर ख़ास नज़रे करम थी, शिक्षा हासिल करने का क्रम जारी रखा। इसी दौरान उनकी मुलाक़ात शहीद क़ुद्दूसी से होती है जो इस्लामी क्रांति की न्यायिक व्यवस्था के संस्थापक थे। 1975 में वह धार्मिक केन्द्र में ही मौजूद थे कि शाही शासन के ग़ुंडों ने मदरसए फ़ैज़िया पर हमला कर दिया और वहां के ख़ूनी मंज़र को उन्होंने अपनी आंखों से देखा और इस साल उन्हें भी गिरफ़्तार कर लिया गया।

अभी वह 20 ही साल के थे कि इस्लामी क्रांति की सफलता से दो साल पहले,  उन्होंने धार्मिक परिवार में पली बढ़ी एक सुशील लड़की से विवाह कर लिया जिनसे चार बच्चे पैदा हुए, एक लड़की और तीन लड़के।

इस्लामी क्रांति की सफलता के बाद ग़ुलाम हुसैन मोहसिनी एजेई 1979 के अंत में शहीद क़ुद्दूसी के निमंत्रण और अह्वान पर तेहरान आए और इस्लामी न्यायपालिका में काम करने लगे। उन्होंने इतनी लगन और मेहनत से काम किया कि 1984 में उन्हें गुप्तचर मंत्रालय में न्यायपालिका का प्रतिनिधि बना दिया गया जो बहुत ही महत्वपूर्ण पद समझा जाता है।

राष्ट्रपति अहमदी नेजाद की सरकार में भी उन्होंने गुप्तचर मंत्री के रूप में भी सेवाएं दीं और में राष्ट्रपति के साथ मतभेद की वजह से राष्ट्रपति ने उनको पद से हटा दिया था।

ग़ुलाम हुसैन मोहिसिनी एजेई ने अगल अलग सरकारी पदों पर कई ज़िम्मेदारियों को अदा किया। उन्होंने धार्मिक शिक्षाओं के साथ एकेडमिक शिक्षा भी हासिल की है। (AK)

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