अमरीका और यूरोप को ईरान की दो टूक, वार्ता के विरोधी नहीं हैं लेकिन पहले प्रतिबंधों को ख़त्म करें
आईएईए में ईरान के स्थाई राजदूत ने कहा है कि तेहरान परमाणु वार्ता में वापसी का इन्कार नहीं करता लेकिन प्रतिबंधों की समाप्ति के बिना उससे सार्थक कार्यवाही की अपेक्षा नहीं रखी जा सकती।
बुधवार को आईएईए के बोर्ड आफ़ गवर्नर्ज़ की बैठक को संबोधित करते हुए ईरान के स्थाई राजदूत काज़िम ग़रीबाबादी का कहना था कि तेहरान वार्ता में वापसी का विरोधी नहीं है लेकिन हम वार्ता के लिए वार्ता के हक़ में नहीं हैं।
उन्होंने आईएईए के बोर्ड आफ़ गवर्नर्ज़ की बैठक में पाए जाने वाले माहौल को सकारात्मक क़रार दिया। काज़िम ग़रीबाबादी ने एक बार फिर ईरान के दृष्टिकोण को दोहराया कि अमरीका ने परमाणु समझौते से अलग होकर तथा तेहरान के ख़िलाफ़ दोबारा प्रतिबंध लगाकर संयुक्त राष्ट्र संघ की सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 2231 का उल्लंघन किया है।
आईएईए में ईरान के स्थाई राजदूत ने कहा कि तेहरान ने प्रतिबंधों की समाप्ति की शर्त पर ही पूरे परमाणु समझौते को स्वीकार किया था लेकिन अमरीकी कार्यवाहियों ने समझौते के उस भाग को हर प्रकार से नाकारा बना दिया है।
उन्होंने कहा कि खेद की बात यह है कि यूरोपीय देश परमाणु समझौते से अमरीका के अकारण निकलने की ज़बानी निंदा तक करने को तैयार नहीं हैं।
ईरान के स्थाई राजदूत ने कहा कि इससे भी ज़्यादा खेदजनक यह है कि यूरोपीय देश अमरीका से प्रतिबंधों की समाप्ति की मांग करने के बजाए ईरान से परमाणु समझौते के अंतर्गत किए गये वादों पर अमल जारी रखने की मांग कर रहे हैं।
काज़िम ग़रीबाबादी ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि जब तक तेहरान के ख़िलाफ़ प्रतिबंध जारी हैं, ईरान से सहन और सकारात्मक कार्यवाही की अपेक्षा न की जाए। (AK)
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