17 शहरीवर की ऐतिहासिक घटना को कभी भुलाया नहीं जा सकताः कनआनी
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा है कि 17 शहरीवर की घटना को कभी भी भुलाया नहीं जा सकता।
नासिर कनआनी ने ट्वीट करके बताया है कि 17 शहरीवर की ऐतिहासिक घटना कभी भी ईरानी राष्ट्र की याद से निकल नहीं सकती। उन्होंने कहा कि इस घटना में शहीद होने वालों का ख़ून हमेशा ही ईरान के इतिहास में दमकता रहेगा।
कनआनी के अनुसार इस दिन तेहरान में ईरान के निर्दोष लोगों के जनसंहार ने तत्कालीन शाही सरकार के चेहरे पर पड़ी नक़ाब को हटा दिया। यह शासन ईरान में अमरीका और ब्रिटेन के षडयंत्रों से अस्तित्व में आया था। 17 शहरीवर के जनसंहार के बावजूद शाह की सरकार को अमरीका और ब्रिटेन का समर्थन जारी रहा।
ज्ञात रहे कि ईरान की इस्लामी क्रांति की सफलता से कुछ पहले 17 शहरीवर सन 1357 हिजरी शमसी अर्थात 8 सितंबर 1978 को शाह की तत्कालीन सरकार ने जनता के विरुद्ध बल का प्रयोग किया जिसमें बड़ी संख्या में निर्दोष लोग मारे गए।
इस घटना को संचार माध्यमों में "काला जुमा" के नाम से जाना गया था। इस जनसंहार ने सन 1979 में इस्लामी क्रांति की सफलता और राजशाही व्यवस्था को गिरने की भूमिका प्रशस्त की थी।
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