शीराज़ में धार्मिक स्थल पर आतंकी हमले के बाद आयतुल्लाह ख़ामेनेई का संदेश
ईरान के मशहूर शीराज़ नगर में स्थित पैग़म्बरे इस्लाम के वंशज और इमाम रज़ा अलैहिस्सलाम के भाई अहमद बिन मूसा के रौज़े के भीतर होने वाले आतंकी हमले में दर्जनों ज़ायरीन के शहीद और घायल हो जाने के बाद इस्लामी क्रांति के नेता आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने एक संदेश जारी किया।
उन्होंने अपने संदेश में लिखा कि हज़रत अहमद बिन मूसा अलैहिस्सलाम के पाकीज़ा रौज़े पर मुजरेमाना कार्यवाही ने, जिसमें दसियों बेक़ुसूर मर्द, औरतें और बच्चे शहीद व घायल हुए, दिलों को ग़मज़दा व सोगवार कर दिया। इस पीड़ादायक जुर्म के दोषी, यक़ीनी तौर पर सज़ा पाएंगे लेकिन अज़ीज़ों की जुदाई का दाग़ और अहलेबैत अलैहेमुस्सलाम के हरम के अपमान का बदला इस तरह के जुर्म की जड़ों की तलाश करके इस सिलसिले में ठोस व समझदारी भरे क़दम के बिना पूरा नहीं होगा।
इस्लामी क्रांति के नेता ने अपने संदेश में आगे लिखा कि आग लगाने वाले दुश्मन और उसके ग़द्दार, जाहिल या ग़ाफ़िल मोहरों के मुक़ाबले में हम सबकी कुछ ज़िम्मेदारियां हैं। सेक्युरिटी विभाग और न्यायपालिका से लेकर वैचारिक व प्रचारिक मैदान में काम करने वालों और अज़ीज़ अवाम के एक एक फ़र्द को उन लोगों के ख़िलाफ़ जो आम लोगों की जान, उनकी सुरक्षा और उनके पाकीज़ा स्थलों की परवाह नहीं करते और अनादर करते हैं, मुत्तहिद हो जाना चाहिए।
सर्वोच्च नेता ने लिखा कि इंशाअल्लाह अज़ीज़ क़ौम और ज़िम्मेदार इदारे यक़ीनी तौर पर दुश्मन की शैतानी साज़िश को नाकाम बनाएंगे। मैं इस वाक़ए में शहीद होने वालों के घरवालों, शीराज़ के अवाम और पूरी ईरानी क़ौम की ख़िदमत में ताज़ियत पेश करता हूँ और अल्लाह से घायलों की शिफ़ा के लिए दुआ करता हूं।
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