आईआरजीसी के एक बयान ने जनरल क़ासिम सुलेमानी के हत्यारों की उड़ाई नींद
सिपाहे पासदाराने इंकेलाबे इस्लामी आईआरजीसी ने शहीद जनरल क़ासिम सुलेमानी की शहादत की तीसरी बरसी पर एक बयान जारी करके कहा है कि जनरल क़ासिम सुलेमानी की हत्या की साज़िश रचने वालों को यह याद रखना चाहिए कि इस जघन्य अपराध का उनसे बदला ज़रूर लिया जाएगा।
प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक़, सिपाहे पासदाराने इंक़ेलाबे इस्लामी आईआरजीसी ने शहीद जनरल क़ासिम सुलेमानी की शहादत की तीसरी बरसी के मौक़े पर एक बयान जारी करके कहा है कि क़ुद्स ब्रिगेड के पूर्व कमांडर की शहादत ने न केवल पश्चिमी एशिया बल्कि दुनिया भर में अत्याचारियों के ख़िलाफ़ एक नई क्रांति को जन्म दिया है। आईआरजीसी के बयान में आया है कि शहीद क़ासिम सुलेमानी आज दुनिया भर के युवाओं के रोल मॉडल हैं। उन्होंने अपने पवित्र ख़ून से प्रतिरोध को इतना मज़बूत कर दिया है कि आज साम्राज्यवादी शक्तियां प्रतिरोधक बलों के मज़बूत इरादों के सामने घुटने टेकती हुई नज़र आ रही हैं। विश्वास, ईमानदारी, प्रेरणा, इच्छाशक्ति, साहस, क्रांतिकारी कार्यवाही और गहरी मान्यताओं से युक्त शहीद जनरल क़ासिम सुलेमानी ईरान और ईरानियों के लिए एक स्थायी हैं, साथ ही दुनिया के सामने अहंकार-विरोधी और ज़ायोनी-विरोधी प्रतिरोध के प्रतीक भी हैं।
आईआरजीसी के बयान में आया है कि शहीद जनरल क़ासिम ने ईरान और क्षेत्र में शांति और सुरक्षा स्थापित करने में अहम भूमिका निभाई है। उन्होंने तकफ़ीरी आतंकवादियों को जड़ से उखाड़ने फेंकने में भी मुख्य रोल अदा किया है। पवित्र स्थलों की रक्षा शहीद क़ासिम सुलेमानी की महत्वपूर्ण उपलब्धियों में से एक है। आईआरजीसी के बयान में इस बात पर बल दिया गया है कि शहीद क़ासिम सुलेमानी के हत्यारों और हत्या की साज़िश रचने वालों को यह याद रखना चाहिए, जनरल क़ासिम सुलेमानी के ख़ून की एक-एक बूंद का उनसे बदला लिया जाएगा। उल्लेखनीय है कि, आईआरजीसी की कुद्स ब्रिगेड के कमांडर जनरल क़ासिम सुलेमानी और इराकी स्वंय सेवी बल के उप कमांडर, अबू मेहदी अल-मोहन्दिस तथा उनके 8 साथियों को तीन जनवरी सन 2020 में अमरीकी सैनिकों ने एक आतंकी कार्यवाही करके उस समय शहीद कर दिया था जब वह इराक़ी प्रधानमंत्री के निमंत्रण पर उसने मिलने बग़दाद गए थे। (RZ)
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