आईआरजीसी का नाम सुनते ही दुश्मन कांपने लगते हैं: राष्ट्रपति रईसी
इस्लामी गणराज्य ईरान के राष्ट्रपति ने इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम के शुभ जन्म दिवस और पासदार दिवस के अवसर पर मुबारकबाद पेश करते हुए कहा कि आईआरजीसी ने अपना नाम आतंकवाद से मुक़ाबले में सुनहरे शब्दों में दर्ज कराया है।
समाचार एजेंसी इर्ना की रिपोर्ट के मुताबिक़, इस्लामी गणराज्य ईरान के राष्ट्रपति सैयद इब्राहीम रईसी ने शुक्रवार को पैग़म्बरे इस्लाम (स) के प्राणप्रिय नवासे इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम के शुभ जन्म दिवस और पासदार दिवस के मौक़े पर ईरान के उत्तर पश्चिम इलाक़े में स्थित पश्चिम आज़रबाइजान प्रांत में आईआरजीसी के जवानों को संबोधित करते हुए कहा कि आज दुश्मन आईआरजीसी का नाम सुनते ही कांपने लगते हैं। उन्होंने कहा कि इस पवित्र शक्तिशाली बल को लेकर दुश्मनों की नाराज़गी और ग़ुस्से का कारण यह है कि आईआरजीसी दिव्य मूल्यों, लोगों और मातृभूमि की रक्षा करना चाहता है। राष्ट्रपति रईसी ने कहा कि आज हम देश की सुरक्षा के लिए आईआरजीसी के प्रयासों के ऋणी हैं। उन्होंने कहा कि दुश्मनों ने कई बार इस्लामी गणराज्य ईरान का सामना करने की कोशिश की और असफल रहे। उन्होंने कहा कि दुश्मनों ने स्वयं ईरान के मुक़ाबले में अपनी पराजय को स्वीकार किया है।

इस्लामी गणराज्य ईरान के राष्ट्रपति ने इस्लामी व्यवस्था के सामने दुश्मनों की निरंतर होती हार की ओर इशारा करते हुए कहा कि पवित्र रक्षा, आर्थिक युद्ध और प्रचार एवं मीडिया युद्ध ऐसे क्षेत्र थे जहां दुश्मन हमेशा विफल रहे हैं। राष्ट्रपति रईसी ने कहा कि सशस्त्र बल दुनिया के हर हिस्से में देश की रक्षा, विकास और प्रगति के लगातार प्रयासरत रहते हैं। उन्होंने कहा कि साम्राज्यवादी शक्तियों द्वारा दाइश और अन्य तकफ़ीरी आतंकवादी गुट अस्तित्व में लाए गए थे, लेकिन आईआरजीसी ने अपनी उपस्थिति से उनके सभी साज़िशों को विफल बना दिया। राष्ट्रपति रईसी ने कहा कि यही कारण है कि आज पूरी दुनिया इस बात की साक्षी है कि शहीद जनरल क़ासिम सुलेमानी के नेतृत्व में आईआरजीसी के जवानों ने आतंकवाद से मुक़ाबले में अपना नाम सुनहरे शब्दों दर्ज कराया है। (RZ)
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