Mar ०४, २०२३ १०:२८ Asia/Kolkata
  • पैग़म्बरे इस्लाम (स) के चहीते नवासे इमाम हुसैन (अ) के घर एक ऐसे बच्चे का हुआ जन्म कि देखने वाले देखते ही रह गए!

शनिवार 4  मार्च बराबर 11 शाबान को पैग़म्बरे इस्लाम हज़रत मोहम्मद मुस्तफ़ा सल्लल्लाहु अलैहे वा आलेही वसल्लम के चहीते नवासे हज़रत इमाम हुसैन (अ) के सुपुत्र हज़रत अली अकबर उल्लैहिस्सलाम शुभ जन्म दिवस की वर्षगांठ है।

हज़रत इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम के बड़े बेटे हज़रत अली अकबर अलैहिस्सलाम का जन्म 11 शाबान 33 हिजरी क़मरी को पवित्र नगर मदीने में हुआ था। हज़रत अली अकबर (अ) पूरी तरह पैग़म्बरे इस्लाम (स) जैसे ही दिखते थे। उनके केवल चेहरा ही नहीं सीरत और व्यवहार में भी पैग़म्बरे इस्लाम (स) जैसे थे। इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम हज़रत अली अकबर के बारे में फ़रमाते थे कि हे ईश्वर जब भी हमारा दिल तेरे नबी के दीदार को चाहता था तो हम इसके चेहरे को देख लिया करते थे। अली अकबर बनी हाशिम के पहले शहीद है, और आपसे इमाम हुसैन को इतना लगाव और प्यार था कि इतिहास गवाह है कि इमाम हुसैन ने कभी भी यज़ीद की सेना के लिये बद दुआ नहीं की लेकिन अली अकबर की शहादत के बाद आपने बद दुआ की और फ़रमाया।

हज़रत अली अकबर अलैहिस्सलाम के शुभ जन्म दिवस पर ईरान के हर छोटे-बड़े शहरों में जश्न का माहौल है। मस्जिदों और इमामबाड़ों में विभिन्न तरह के कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। याद रहे कि हज़रत अली अकबर (अ) के शुभ जन्म दिन की तारीख़ ईरान में युवा दिवस के तौर पर मनाया जाता है। उल्लेखनीय है कि हज़रत अली अकबर अलैहिस्सालम कर्बला के मैदान में बनी हाशिम के पहले शहीद हैं।  जब दस मोहर्रम का सूर्य उगा है तो बनी हाशिम में से सबसे पहले अली अकबर (अ) अपने पिता इमाम हुसैन (अ) के पास जाते हैं और आपसे रण भूमि में जाने की अनुमति मांगते हैं, इमाम हुसैन (अ) आपको अनुमति दे देते हैं। हज़रत अली अकबर अलैहिस्सलाम के शुभ जन्म दिवस और युवा दिवस के मौक़े पर हम आपकी सेवा में मुबारकबाद पेश करते हैं। (RZ)   

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