Mar २२, २०२३ १०:५१ Asia/Kolkata
  • सुप्रीम लीडर ने ईरान की विदेश नीति निर्धारित कर दी, कहां होगा फोकस?

इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने क्षेत्र में अमरीकियों के असमंजस की ओर इशारा करते हुए कहा कि अमरीकी हैरान व परेशान हैं।

ईरान की इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामनेई ने ईदे नौरोज़ के अवसर पर पवित्र नगर मशहत में इमाम अली रज़ा अलैहिस्सलाम के रौज़े में लाखों लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि इस्लामी गणराज्य ईरान के दुश्मन इस इस्लामी व्यवस्था के ताक़तवर बिन्दुओं को ख़त्म करना चाहता है।

सुप्रीम लीडर ने कहा कि क्षेत्र में ईरान की नीति और उसका रास्ता स्पष्ट है और हमें पता है कि हम क्या कर रहे हैं। इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता कहते हैं कि लेकिन अमरीकी हैरान व परेशान हैं क्योंकि अगर वह क्षेत्र में रहते हैं, तो अफ़ग़ानिस्तान की तरह, राष्ट्रों की दिन प्रतिदिन की घृणा का उन्हें सामना होगा और क्षेत्र छोड़ने पर मजबूर हो जाएंगे और अगर और जाते हैं तो उन्हें अपने हित खोने पड़ेंगे और यह असमंजस उनकी स्पष्ट कमज़ोरी का चिन्ह है।

सुप्रीम लीडर ने विद्रोह, प्रतिबंध, राजनैतिक दबाव, अभूतपूर्व मीडिया वार, सुरक्षा साज़िशें और अभूतपूर्व आर्थिक प्रतिबंधों को दुश्मनों की साज़िशों का हिस्सा क़रार दिया और कहा कि इन दुश्मनियों के हालिया दौर में अमरीकी राष्ट्रपति और कुछ यूरोपीय देशों के राष्ट्राध्यक्षों ने पिछले साल होने वाले दंगों का जिन्हें कुछ गिने चुने लोगों ने शुरु किया था, खुलकर समर्थन किया और सामरिक, राजनैतिक, वित्तीय, सुरक्षा और मीडिया समर्थन करके इस्लामी गणतंत्र ईरान को कम से कम कमज़ोर ही करने का प्रयास किया लेकिन व्यवहारिक रूप से इस लक्ष्य के ठीक विपरीत हुआ और इस्लामी गणतंत्र ईरान इन षड्यंत्रों पर सफल रहा और उसने यह सिद्ध कर दिया कि वह शक्तिशाली और मज़बूत है।

सुप्रीम लीडर ने विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में प्रगति और नैनो और जैव प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में दुनिया के बेहतरीन देशों में आने, स्वास्थ, एरोस्पेस, परमाणु रक्षा, बुनियादी ढांचे, स्वास्थ्य और चिकित्सा केन्द्रों और रिफ़ाइनरी सहित विभिन्न के मैदान में तरक़्क़ी और प्रगति की ओर इशारा किया और कहा कि विदेशी संबंधों के क्षेत्र में ईरान को अलग थलग करने की दुश्मनों की कोशिशें नाकाम रहीं और इस्लामी गणतंत्र ईरान, एशिया के साथ अपने संबंधों को सौ प्रतिशत मज़बूत करके और फिर क्षेत्र के दूसरे महत्वपूर्ण देशों के साथ राजनैतिक, आर्थिक,वैज्ञानिक और तकनीकी संबंधों को विस्तृत करने का क्रम जारी रखेगा।

इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता ने कहा कि क्षेत्र की कुछ महत्वपूर्ण संधियों में सदस्यता और अफ़्रीक़ा तथा लैटिन अमरीका के साथ संबंधों को मज़बूत करना, विदेश नीति के क्षेत्रर की अन्य प्रगतियां हैं। उनका कहना था कि हम यूरोप से भी नाराज़ नहीं हैं और अगर वह अमरीका का अनुसरण करने से बचें तो उनके साथ भी हम आने को तैयार हैं। (AK)

 

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