यूरोप को इस्लामोफोबिया से गंभीरता और प्रभावी ढंग से मुक़ाबला करना चाहिए: ईरान
ईरान के विदेश मंत्री और यूरोपीय संघ के विदेश नीति प्रमुख ने टेलीफ़ोन पर बातचीत में नवीनतम अंतर्राष्ट्रीय और क्षेत्रीय स्थिति और यूरोप-ईरान संबंधों पर चर्चा की है।
प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक़, इस्लामी गणतंत्र ईरान के विदेश मंत्री हुसैन अमीर अब्दुल्लाहियान ने यूरोपीय संघ के विदेश नीति प्रमुख जोसेफ बोरेल के साथ टेलीफ़ोन पर बातचीत में आम सहमति हासिल करने के लिए ईरान और यूरोप के बीच संवाद प्रक्रिया को बनाए रखने के महत्व पर ज़ोर दिया। उन्होंने यूरोपीय दलों के साथ ईरान की हालिया बातचीत को स्पष्ट और रचनात्मक बताया। साथ ही दोनों पक्षों ने नवीनतम अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय विकास और यूरोप-ईरान संबंधों पर भी चर्चा की। इस बीच विदेश मंत्री हुसैन अमीर अब्दुल्लाहियान ने इस बात पर बल दिया कि यूरोप को इस्लामोफोबिया से गंभीरता और प्रभावी ढंग से मुक़ाबला करना चाहिए। उन्होंने स्वीडन में इस्लाम की पवित्र चीज़ों विशेषकर पवित्र क़ुरआन का अपमान करने के कृत्य की कड़ी निंदा की, जिससे दुनिया भर के मुसलमानों की भावनाएं आहत हुईं।
यूक्रेन में संकट को लेकर ईरानी विदेश मंत्री ने कहा कि इस्लामी गणराज्य ईरान हमेशा से यूक्रेन समेत दुनिया में शांति और स्थिरता का समर्थक रहा है और उसका मानना है कि राजनीतिक उपायों से ही युद्ध को ख़त्म करना संभव है। हुसैन अमीर अब्दुल्लाहियान ने आतंकवादी समूह, एमकेओ की आतंकवादी गतिविधियों का उल्लेख करते हुए कहा कि हालांकि इन आतंकवादियों से निपटने के लिए अल्बानियाई सरकार द्वारा की गई हालिया कार्यवाही देर से हुई है, लेकिन यह यूरोपीय देशों के लिए एक अनुभव है। इस टेलीफ़ोनी बातचीत में यूरोपीय संघ के विदेश नीति प्रमुख जोसेफ बोरेल ने इस्लामी गणतंत्र ईरान और अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी के बीच चल रहे सहयोग और वार्ता का स्वागत किया और इसकी निरंतरता को उपयोगी और सकारात्मक बताया। उन्होंने कहा कि पवित्र क़ुरआन का अपमान करना यूरोपीय संघ का स्टैंड नहीं है, साथ ही किसी भी धर्म के ख़िलाफ़ किसी भी प्रकार का अपमान और कार्यवाही यूरोपीय संघ द्वारा निंदनीय है। (RZ)
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