ईरान और सऊदी अरब के निकट आने से क्षेत्रीय देशों मे खुशी
इस्लामी गणतंत्र ईरान विदेश मंत्री की सऊदी अरब की यात्रा इस समय राजनीतिक पटल पर चर्चा की विषय बनी हुई है।
सऊदी अरब के नगर जद्दा में ईरान के विदेशमंत्री अब्दुल्लाहियान और सऊदी अरब के युवराज मुहम्मद बिन सलमान के बीच हाल ही में मुलाक़ात हुई है।
इस मुलाक़ात में मुहम्मद बिन सलमान ने कहा कि उनका देश ईरान के साथ संबन्धों को स्ट्रैटेजिक मानता है। उन्होंने कहा कि इन संबन्धों को विस्तृत करने के लिए हमने संकल्प किया है। इसी के साथ उनका कहना था कि यह द्विपक्षीय भेंटवार्ता, द्विपक्षीय तथा बहुपक्षीय संबन्धों पर बहुत प्रभाव डालेगी। इसका अर्थ यह है कि रेयाज़ भी तेहरान की ही भांति द्विपक्षीय संबन्धों को विशेष महत्व देता है।
दोनो देशों के दुश्मनों को जो बात सबसे अधिक अखर रही है वह है रेयाज़ तथा तेहरान के बीच अपने-अपने राजदूतों को भेजने पर सहमति। ईरान 6 जून 2023 को और सऊदी अरब अगस्त 2023 के आरंभ में एक दूसरे के देशों में अपने दूतावास खोल चुके हैं।
हालांकि ईरान और सऊदी अरब के दुश्मन, दोनो देशों में दूतावास खोले जाने के मुद्दे को एक दिखावटी विषय बताते हुए इसको बेकार का काम बता रहे थे। उनका मानना है कि दोनो देशों के बीच राजदूतों का आदान प्रदान संभव नहीं है। हालांकि इस बीच अवैध ज़ायोनी शासन ने इस काम को रुकवाने के लिए अथक प्रयास किये जो विफल सिद्ध हुए।
इसी बीच अमरीका के पारंपरिक प्रतिस्पर्धी चीन के साथ सऊदी अरब की दोस्ती और यूक्रेन युद्ध के दौरान रियाज़ की ओर से अमरीका का खुलकर समर्थन न करना यह सिद्ध करता है कि सऊदी अरब अब अमरीका की सारी बातें नहीं मान रहा है। इसके अतिरिक्त सऊदी अरब ने ओपेक प्लस में तेल के उत्पादन में वृद्धि का विरोध करके अमरीका की इच्छा के विरुद्ध रूस का समर्थन किया। इसी के साथ उसने यूएस की मर्ज़ी के ख़िलाफ़ ईरान में अपना दूतावास खोल दिया। यही नहीं बल्कि सऊदी अरब की ओर से इस्लामी गणतंत्र ईरान के राष्ट्रपति सैयद इब्राहीम रईसी को इस देश में जाने के लिए आधिकारिक निमंत्रण भी दिया गया है।
इन बातों से यह पता चलता है कि हर प्रकार की बाधाओं के बावजूद ईरान और सऊदी अरब अपने संबन्धों को मज़बूत करने के लिए दृढ संकल्प कर चुके हैं। दोनों के बीच मनमुटाव, अमरीकी चालों की वजह से था। यह बात पूरे विश्वास के साथ कही जा सकती है कि सऊदी अरब तथा ईरान की आर्थिक, भौगोलिक एवं स्ट्रटैजिक स्थति के कारण इन दोनो देशों के संबन्ध, क्षेत्र के सारे ही देशों पर सकारात्मक प्रभाव डालेंगे। यही कारण है कि सारे ही इस्लामी देश इसका खुलकर स्वागत कर रहे हैं। ईरान के विदेशमंत्री के सलाहकार रसूल मूसवी के अनुसार यह देश तेहरान तथा रियाज़ के बीच संबन्धों में सुधार को अपने हित में देख रहे हैं। इनको उम्मीद हो चली है कि इससे क्षेत्र की बहुत सी समस्याओं का समाधान अब अवश्य निकल आएगा।
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