ईरानी राष्ट्रपति ने पश्चिम के दिखाया आईना, हर तरह के अधिकारों का उल्लंघन करने वाले हथकंडे के रूप में कर रहे हैं महिला अधिकार का इस्तेमाल
(last modified Mon, 02 Oct 2023 11:51:47 GMT )
Oct ०२, २०२३ १७:२१ Asia/Kolkata
  • ईरानी राष्ट्रपति ने पश्चिम के दिखाया आईना, हर तरह के अधिकारों का उल्लंघन करने वाले हथकंडे के रूप में कर रहे हैं महिला अधिकार का इस्तेमाल

इस्लामी गणराज्य ईरान के राष्ट्रपति ने "ख़ुर्शीद मीडिया फेस्टिवल" में भाग लेने वालों को संबोधित करते हुए इस बात पर बल दिया है कि महिलाओं के अधिकारों के बारे में पश्चिम का दावा केवल प्रोपेगंडा और राजनीतिक हथकंडा है।

इस्लामी गणराज्य ईरान के राष्ट्रपति सैयद इब्राहीम रईसी ने सोमवार को "ख़ुर्शीद मीडिया फेस्टिवल" में भाग लेने वाले हज़ारों लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि ईरान की इस्लामी क्रांति की महान सफलता में देश की महिलाओं ने अत्याचारी शासन के ख़िलाफ़ दृढ़ता के साथ मुक़ाबले में प्रमुख भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि पवित्र रक्षा काल के दौरान भी निर्माण में और विभिन्न वैज्ञानिक, सांस्कृतिक, सामाजिक, राजनीतिक क्षेत्रों में भी ईरानी महिलाओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया है। राष्ट्रपति रईसी ने कहा कि आज पश्चिमी देश महिलाओं के अधिकारों की रक्षा की बड़ी-बड़ी बातें कर रहे हैं, जबकि वास्तविक्ता यह है कि वह इन महिला अधिकारों को केवल हथकंडे के तौर पर इस्तेमाल करते हैं।  उन्होंने कहा कि आज दुनिया के ऐसे सभी देशों को पश्चिम द्वारा टॉर्गेट किया जाता है जो बिना उनके दबाव के स्वतंत्र रूप से काम कर रहे हैं। राष्ट्रपति रईसी ने कहा कि अगर पश्चिम को महिलाओं के अधिकारों की इतनी ही चिंता है तो फिर पश्चिमी समाजों में मानव और महिला अधिकारों के उल्लंघन की एक लंबी सूची क्यों देखने को मिलती है?

इस्लामी गणराज्य ईरान के राष्ट्रपति ने कहा कि पश्चिमी देश 70 वर्षों से फ़िलिस्तीनी राष्ट्र के अधिकारों की अन्देखी कर रह हैं, वहीं 20 साल तक वे अफ़ग़ानिस्तान में रहे, जहां हत्या और विनाश के अलावा कुछ नहीं देखने को मिला। राष्ट्रपति रईसी ने कहा कि पश्चिम, विशेष रूप से अमेरिका, अपने मीडिया साम्राज्य के साथ, तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश करते हैं, सटीक और वास्तविक समाचारों को दबाते हैं, और राष्ट्रों के बीच आधुनिक अज्ञानता को बढ़ावा देना चाहते हैं। उन्होंने फ़िलिस्तीनी जनता पर अत्याचार करने में प्रभुत्वशाली मीडिया की भूमिका का ज़िक्र करते हुए कहा कि कई वर्षों तक फ़िलिस्तीन की भूमि पर पश्चिमी देशों के समर्थन से कई तथाकथित शांति समझौते हुए, और उन सभी का दुनिया की आंखों के सामने उल्लंघन किया गया, जिसपर तथाकथित यह पश्चिम का सभ्य समाज चुप्पी न केवल चुप्पी साधे बैठा रहा, बल्कि अवैध ज़ायोनी शासन के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा भी रहा। राष्ट्रपति रईसी ने कहा कि आज पश्चिमी लोग अपनी शर्मनाक हरकत में सबसे पवित्र ईश्वीरय ग्रंथ क़ुरआन का अपमान कर रहे हैं और साथ ही इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता बता रहे हैं, जबकि ऐसी हरकतें अभिव्यक्ति, विचार और मानवता की स्वतंत्रता के ख़िलाफ़ हैं। (RZ)  

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