Nov ०७, २०२३ ०९:४६ Asia/Kolkata
  • भारतीय प्रधानमंत्री मोदी ने ईरान के राष्ट्रपति डॉक्टर रईसी को किया फ़ोन, ईरानी राष्ट्रपति ने दी चेतावनी!

इस्लामी गणतंत्र ईरान के राष्ट्रपति ने कहा है कि तेहरान तत्काल युद्धविराम, घेराबंदी समाप्त किए जाने और ग़ज़्ज़ा के उत्पीड़ित लोगों को सहायता प्रदान करने के लिए किसी भी वैश्विक संयुक्त प्रयास का समर्थन करता है। राष्ट्रपति रईसी ने यह चेतावनी भी दी है कि अगर फ़िलिस्तीनी जनता की हत्या का सिलसिला यूं ही जारी रहा तो बहुत जल्द ग़ज़्ज़ा युद्ध की आग पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले लेगी।

प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक़, सोमवार 6 नवंबर की शाम भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस्लामी गणराज्य ईरान के राष्ट्रपति डॉक्टर सैयद इब्राहीम रईसी को फ़ोन किया और ग़ज़्ज़ा समेत कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की। भारतीय प्रधानमंत्री मोदी के साथ टेलीफ़ोनी बातचीत में ईरानी राष्ट्रपति ने कहा कि फ़िलिस्तीनी जनता के जनसंहार ने दुनिया के सभी स्वतंत्र देशों का ख़ून खौला दिया है और इस नरसंहार के जारी रहने की स्थिति में विश्व शांति के लिए भी ख़तरा पैदा हो जाएगा। डॉक्टर रईसी ने कहा कि ग़ज़्ज़ा में इस्राईल किसी भी स्तर पर जाकर हर तरह के अपराधों को अंजाम दे रहा है। उन्होंने कहा कि उत्पीड़ित और निर्दोष महिलाओं और बच्चों की हत्या, अस्पतालों, स्कूलों, मस्जिदों, चर्चों और आवासीय क्षेत्रों पर हमले किसी भी इंसान के दृष्टिकोण से 'निंदनीय और अस्वीकार्य' हैं।

राष्ट्रपति रईसी ने प्रधानमंत्री मोदी के साथ हुई टेलीफ़ोनी वार्ता में यह स्पष्ट तौर पर कहा कि फ़िलिस्तीनी प्रतिरोध समूहों के पास अवैध ज़ायोनी शासन के क़ब्जे का विरोध करने का वैध अधिकार है, और सभी देशों को स्वतंत्रता और उत्पीड़न से मुक्ति के लिए फ़िलिस्तीनी राष्ट्र के संघर्ष का समर्थन करना चाहिए। ईरानी राष्ट्रपति ने फ़िलिस्तीन के इस्लामी प्रतिरोध संगठन द्वारा की गई जवाबी कार्यवाही की ओर इशारा करते हुए कहा कि जिस प्रकार ज़ायोनी शासन फ़िलिस्तीनियों की भूमि पर अवैध कब्ज़ा करने, बच्चों और महिलाओं की हत्याएं करने और फ़िलिस्तीनी राष्ट्र की पवित्रताओं को अपवित्र करने की नीतियों और आपराधिक कार्यवाहियों को वर्षों से अंजाम देता आ रहा है उसको देखते हुए अलअक़्सा तूफ़ान ऑपरेशन एक स्वाभाविक प्रतिक्रिया थी। उन्होंने यह सवाल भी किया कि ऐसा कैसे है कि नाज़ी जर्मनी के ख़िलाफ़ यूरोपीय देशों का संघर्ष एक सराहनीय और वीरतापूर्ण कार्वाही है, लेकिन बच्चों के हत्यारे और जघन्य आपराधों को अंजाम देने वाले ज़ायोनी शासन के ख़िलाफ फ़िलिस्तीनी राष्ट्र का प्रतिरोध निंदनीय है!?

इस्लामी गणतंत्र ईरान के राष्ट्रपति ने संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा ज़ायोनी शासन को दिए जाने वाले व्यापक वित्तीय, हथियार और ख़ुफ़िया सहयोग एवं समर्थन को ज़ायोनियों द्वारा अंजाम दिए जाने वाले अपराधों का मुख्य कारण बताया और कहा कि इस अवैध शासन के सभी अपराधों में अमेरिका को भागीदार क़रार दिया। उन्होंने कहा कि जिस तरह अमेरिका ग़ज़्ज़ा में हो रहे नरसंहार समाप्त किए जाने के लिए सुरक्षा परिषद में पेश किए गए प्रस्ताव को वीटो किया है उससे यह बात साफ़ हो गई है कि ज़ायोनी शासन के अपराधों में अमेरिका बराबर का भागीदार है। डॉक्टर रईसी ने कहा कि ग़ज़्ज़ा के लोगों का नरसंहार 21वीं सदी का सबसे मानव विरोधी अपराध है, जिसे तुरंत रोका जाना चाहिए। इस टेलीफ़ोनी बातचीत के दौरान भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस्राईल द्वारा ग़ज़्ज़ा पर लगातार किए जाने वाले पाश्विक हमलों में आम नागरिकों की हो रही मौतों पर अपनी गहरी चिंता व्यक्त की। मोदी ने कहा कि इस समय सबसे ज़्यादा ज़रूरी है तनाव बढ़ने से रोकना, निरंतर मानवीय सहायता सुनिश्चित करना और शांति एवं स्थिरता की शीघ्र बहाली। उन्होंने कहा कि इसके लिए सबको मिलकर प्रयास करना चाहिए। इस बीच भारतीय प्रधानमंत्री ने चाबहार बंदरगाह सहित द्विपक्षीय सहयोग में प्रगति का भी स्वागत किया। (RZ)

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