निर्दोष फ़िलिस्तीनियों का ख़ून, न्यायपूर्ण विश्व व्यवस्था के गठन की भूमिका प्रशस्त करेगाः रईसी
राष्ट्रपति रईसी कहते हैं कि कला के माध्यम से भी फ़िलिस्तीिनियों की दुख भरी गाथा को दूसरों तक पहुंचाया जा सकता है।
इस्लामी गणतंत्र ईरान के राष्ट्रपति ने ग़ज़्ज़ा में ज़ायोनी अपराधों को पश्चिमी मानवाधिकारों के मिथक का अंत बताया है। सैयद इब्राहीम रईसी ने मंत्रीमण्डल की बैठक में ग़ज़्ज़ा के मुद्दे पर अन्तर्राष्ट्रीय संस्थाओं के मौन की कड़ी निंदा की।
ईरान के राष्ट्रपति ने ग़ज़्ज़ा में ज़ायोनियों की पाश्विक कार्यवाही को भयावह बताते हुए कहा कि निर्दोष फ़िलिस्तीनियों का ख़ून, न्यायपूर्ण विश्व व्यवस्था के गठन का कारण बनेगा। उन्होंने कहा कि यही रक्त, विश्व की वर्तमान अत्याचारपूर्ण व्यवस्था के समाप्त होने की भूमिका भी सिद्ध होगा।
उन्होंने अमरीका द्वारा ज़ायोनियों के अपराधों का समर्थन और उसपर अन्तर्राष्ट्रीय संस्थाओं के मौन को आलोचनीय बताया। राष्ट्रपति रईसी का कहना था कि कला के माध्यम से फ़िलिस्तीनियों की दुखभारी गाथा को दूसरों तक पहुंचाया जा सकता है।
उल्लेखनीय है कि अवैध ज़ायोनी शासन ने जबसे ग़ज़्ज़ा पर हमले आरंभ किये हैं उस दिन से अबतक 11500 से अधिक फ़िलिस्तीनी शहीद हो चुके हैं। ज़ायोनियों के इन हमलों को 40 दिन का समय हो चुका है। इस दौरान 29 हज़ार फ़िलिस्तीनी घायल हुए हैं जिनमें से बहुत से घायलों की स्थति चिंताजनक बताई जा रही है। ग़ज़्ज़ा के अस्पतालों में ज़ायोनियों के हमलों के कारण घायल फ़िलिस्तीनियों के उपचार में तरहर-तरह की बाधाएं आ रही हैं।
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