Dec २४, २०२३ १५:४० Asia/Kolkata

अफ़ग़ान तालिबान सरकार के विदेशमंत्री अमीर ख़ान मुतक़्क़ी की तेहरान यात्रा, तालिबान को अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों में शामिल करने के इस्लामी गणतंत्र ईरान के प्रयासों को दर्शाती है ताकि यह ग्रुप इस्लामी जगत से जुड़े सबसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर अपने विचार व्यक्त कर सके।

अफ़ग़ान विदेशमंत्रालय के प्रवक्ता ज़िया अहमद तकल के अनुसार विदेशमंत्री अमीर ख़ान मुतक़्क़ी ने ईरान के मंत्री हुसैन अमीर अब्दुल्लाहियान के निमंत्रण पर फ़िलिस्तीन के संबंध में होने वाले एक उच्च-स्तरीय राजनीतिक सलाहकार सम्मेलन में भाग लेने के लिए एक प्रतिनिधिमंडल के साथ तेहरान की यात्रा की है।

तालिबान ने ग़ज़्ज़ा में ज़ायोनी शासन के अपराधों के संबंध में एक अच्छा रुख अपनाया है और यह ज़ाहिर किया है कि इस्लामी जगत के सबसे महत्वपूर्ण मुद्दों में से एक पर उसका सक्रिय नज़रिया है और वह ग़ज़्ज़ा की जनता क साथ दूसरे मुस्लिम देशों के खिलाफ ज़ायोनी अपराधों की कड़ी निंदा करता है।

राजनीतिक मुद्दों के विशेषज्ञ अमीन फ़रज़ाद कहते हैं कि जैसा कि पाकिस्तान के राष्ट्रपति ने हाल ही में ज़ोर दिया था कि  फ़िलिस्तीनी मुद्दे के संबंध में इस्लामी जगत में ईरान की नेतृत्व की भूमिका है और फ़िलिस्तीन के बारे में तेहरान बैठक में तालिबान के विदेशमंत्री का निमंत्रण भी ज़ायोनी शासन के ख़िलाफ़ इस्लामी जगत की क्षमताओं को बढ़ाने के तेहरान के प्रयासों को दर्शाता है।

फ़िलिस्तीनी जनता के संबंध में और उनकी क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तेहरान में विभिन्न देशों के अधिकारियों की उपस्थिति के साथ ईरान के विदेश मंत्रालय की पहल पर फ़िलिस्तीनी सम्मेलन का आयोजन दर्शाता है कि ईरान, फ़िलिस्तीनी जनता की उमंगों का पुरज़ोर समर्थन करता है।

इस बीच तथाकथित मानवाधिकारों की रक्षा के दावेदार ज़ायोनियों के अपराधों पर पूरी तरह से चुप हैं और ग़ज़्ज़ा में संघर्ष विराम के प्रस्तावों को वीटो कर रहे हैं।  इसीलिए ग़ज़्ज़ा में ज़ायोनी अपराधों के विरुद्ध इस्लामी जगत ताक़त और एकता को मजबूत करना आवश्यक है और इस्लामी गणतंत्र ईरान के प्रयासों से यह प्रक्रिया और भी मजबूत हो रही है।

इस बीच, तालिबान ढाई साल से अधिक समय से अफगानिस्तान की सत्ता में लौट आया है हालांकि उसकी सरकार को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर स्वीकार नहीं किया गया और न ही मान्यता मिली है लेकिन इस्लामी दुनिया के सदस्य के रूप में वह अपना रुख़ बयान कर सकता है और उसका रुख़ ग़ज़्ज़ा में अपराधों के ख़िलाफ इस्लामी दुनिया की एकजुटता को मजबूत करने में मदद करता है।

राजनीतिक मुद्दों के विशेषज्ञ सैयद ईसा मज़ारी कहते हैं कि अगर इस्लामी जगत एकजुट हो जाए, तो यह अंतरराष्ट्रीय क्षेत्र में शक्ति का एक महत्वपूर्ण और प्रभावशाली ध्रुव बन सकता है, इसीलिए इस्लामी गणतंत्र ईरान के पास बैतुल मुक़द्दस की धुरी के साथ मुस्लिम दुनिया से संबंधित सभी तत्वों को इकट्ठा करने का प्रभाव है और इस एकजुटता से ग़ज़्ज़ा के मामले को प्रभावित करने की शक्ति मिलेगी। इसीलिए तेहरान में फिलिस्तीनी बैठक में तालिबान सरकार के विदेश मंत्री की मौजूदगी को अहम माना जा रहा है। (AK)

 

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