ईरान और पाकिस्तान इच्छुक हैं
तेहरान और इस्लामाबाद विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों में विस्तार के इच्छुक हैं।
पाकिस्तान के विदेशमंत्रालय की प्रवक्ता ने तेहरान और इस्लामाबाद के संबंधों में विस्तार की प्रक्रिया पर प्रसन्नता जताई और आशा जताई कि दोनों देशों के मध्य व्यापारिक लेनदेन वर्ष में 5 अरब डालर तक पहुंच जायेगा। मुमताज़ ज़हरा बलोच ने साप्ताहिक प्रेस कांफ्रेन्स में दोनों देशों के मध्य होने वाले हस्ताक्षर की भूमिका की ओर संकेत किया और उम्मीद जताई है कि दोनों देशों के व्यापारियों, निवेशकों और अधिकारियों के प्रयास से निकट भविष्य में दोनों देशों के मध्य व्यापारिक लेनदेन प्रतिवर्ष 5 अरब डालर के निकट हो जायेगा।
ईरान और पाकिस्तान के संबंध हालिया वर्षों में विभिन्न क्षेत्रों में प्रगति की ओर अग्रसर रहे हैं और इराक के बाद पाकिस्तान दूसरा इस्लामी और ईरान का पड़ोसी देश है जिसकी ईरान के साथ 900 किलोमीटर से अधिक सीमा है। दोनों देशों के मध्य एतिहासिक और धार्मिक समानतायें हैं। इसके बावजूद ईरान और पाकिस्तान के मध्य व्यापारिक लेनदेन का जो स्तर रहा है वह दोनों देशों के अधिकारियों की अपेक्षा के अनुसार नहीं था और सामान्यतः दोनों देशों के मध्य व्यापारिक लेनदेन वर्ष में एक अरब डालर रहा है।
प्रतीत यह हो रहा है कि दोनों देशों में निर्यात की जाने वाली वस्तुएं विशेषकर कृषि और उद्योग में तकरीबन एक जैसी हैं जो दोनों देशों के मध्य व्यापारिक लेनदेन के कम होन का यह एक महत्वपूर्ण कारण है। इसके साथ ही दोनों देशों के अधिकारियों के प्रयास की वजह से पहली बार पिछले वर्ष दोनों देशों के मध्य व्यापारिक लेनेदेन दो अरब डालर से अधिक हुआ और दोनों देशों के अधिकारी दोनों देशों के मध्य होने वाले व्यापारिक लेनेदेन के स्तर को एक साल में 5 अरब डालर तक पहुंचाने की उम्मीद जता रहे हैं।
इसी संबंध में पाकिस्तान के कराची शहर में ईरान के काउंलर हसन नूरियान ने कहा है कि दोनों देशों के व्यापारिक लेनदेन में विकास व प्रगति की संभावनायें व पोटैन्शियल मौजूद हैं और द्विपीय संबंधों में विस्तार की दिशा में मौजूद रुकावटों व बाधाओं को दूर किया जाना चाहिये ताकि दोनों देशों के संबंध अधिक से विस्तृत हो सकें। इसी प्रकार हसन नूरियान ने कहा कि दोनों देशों के अधिकारियों की एक दूसरे से मुलाकात और विचार- विमर्श का जारी रहना दोनों देशों के व्यापारिक लेन देने में वृद्धि का एक महत्वपूर्ण कारण है।
जारी वर्ष में ईरान के राष्ट्रपति सैयद मोहम्मद इब्राहीम रईसी और पाकिस्तान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ की ज़ीरो प्यांइट सीमावर्ती क्षेत्र में मुलाकात और इसी प्रकार ईरानी नौसेना के कमांडर की इस्लामाबाद यात्रा और पाकिस्तानी सेना प्रमुख की तेहरान यात्रा को इसी परिप्रेक्ष्य में देखा जा सकता है।
दो देशों के संबंधों में विस्तार का एक महत्वपूर्ण कारण दो दोनों के लोगों के मध्य एक दूसरे से जनसंपर्क है। ईरान और पाकिस्तान दोनों एक दूसरे के पड़ोसी और इस्लामी देश हैं और दोनों देशों के बीच जनसंपर्क भी काफी मज़बूत हैं। हर साल दसियों हज़ार पाकिस्तानी ईरान आते हैं और यहां के पवित्र स्थलों की ज़ियारत करने के बाद पड़ोसी देश इराक जाते और वहां के पवित्र स्थलों की ज़ियारत करने के बाद दोबारा ईरान आते और यहां से स्वदेश पाकिस्तान जाते हैं। इसी प्रकार हज़ारों पाकिस्तानी ईरान में धार्मिक शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं।
सारांश यह कि ईरान और पाकिस्तान के संबंधों और व्यापारिक में लेनदेन में वृद्धि न केवल दोनों देशों के हित में है बल्कि यह वृद्धि दूसरे पड़ोसी देशों के भी हित में है। MM
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