Jan ०३, २०२४ १५:०५ Asia/Kolkata
  • शहीद सुलैमानी और उनके साथियों की बरसी मनाई जा रही है

ईरान सहित कई देशों में क़ुद्स फ़ोर्स के कमान्डर शहीद जनरल क़ासिम सुलैमानी की बरसी मनाई जा रही है।

आज बुधवार 3 जनवरी सन 2024 ईसवी बराबर 13 दय सन 1402 हिजरी शम्सी को आईआरजीसी की कुद्स ब्रिगेड के कमांडर, जनरल क़ासिम सुलैमानी की शहादत की पहली बरसी है।

पिछले कई दिनों से ईरान के किरमान प्रांत में जहां जनरल क़ासिम सुलैमानी का मज़ार है, वहां बड़ी संख्या में लोग जमा हैं।

स्थानीय समय के अनुसार 1 बजकर 20 मिनट पर जब अमरीका ने कायरता का प्रदर्शन करते हुए ड्रोन से जनरल क़ासिम सुलैमानी और उनके साथियों को शहीद कर दिया था, मज़ार पर मौजूद लोगों ने हैदर हैदर के नारे लगाए। इस अवसर पर ईरान के सभी छोटे बड़े शहरों, क़स्बों और गांवों में कार्यक्रम आयोजित करके उन्हें श्रद्धांजलि पेश की जा रही है।  

शहीद क़ासिम सुलैमानी और उनके साथ शहीद होने वाले अबू मेहदी अलमुहंदिस तथा अन्य साथियों की पहली बरसी के अवसर पर ईरान, इराक़, सीरिया, लेबनान व फिलिस्तीन सहित विश्व के कई देशों में शोक सभाओं का आयोजन किया जा रहा है।

आईआरजीसी के कुद्स ब्रिगेड के कमांडर जनरल क़ासिम सुलैमानी और इराकी स्वंय सेवी बल के उप कमांडर, अबू मेहदी अलमुहंदिस तथा उनके 8 साथी एक साल पहले  इराक़ के बगदाद हवाई अड्डे के निकट अमरीका के आतंकवादी सैनिकों के ड्रोन हमले में शहीद हो गये थे।

जनरल सुलैमानी को प्रतिरोध मोर्चे के शहीदों का सरदार कहा जाता है क्योंकि उन्होंने अपनी पूरी उम्र,  इस्लामी सेना के नेतृत्व किया और राष्ट्र व जाति व भाषा व सीमा पर ध्यान दिये बिना इस्लाम व क़ुरआन की महानता और पीड़ियों की सहायता के लिए संघर्ष किया।

शहीद जनरल क़ासिम सुलैमानी ने इसी तरह कुद्स ब्रिगेड के कमांडर की भूमिका में इराक़ और सीरिया में आतंकवादी संगठन दाइश के सफाए में निर्णायक और महत्वपूर्ण भूमिका निभाई तथा इन देशों के नागरिकों को सुरक्षा व शांति का उपहार दिया।

जनरल क़ासिम सुलैमानी की शहादत के बाद, इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनई ने अपने संदेश में कहा था कि ईश्वर की राह में बरसों तक शैतानों और विश्व भर के दुष्टों से साहसिक  मुक़ाबले और संघर्ष के बाद अन्ततः प्रिय सुलैमानी इस उच्च स्थान पर पहुंच गये और उनका पवित्र खून, दुनिया के दुष्टतम व्यक्ति के हाथों बहाया गया।

वरिष्ठ नेता ने कहा था कि जनरल सुलैमानी, प्रतिरोध मोर्चे का अंतरराष्ट्रीय चेहरा हैं और प्रतिरोध मोर्चे के सभी समर्थक, उनका बदला लिये जाने के इच्छुक हैं।

वरिष्ठ नेता ने कहा था कि सभी दोस्तों और दुश्मनों को यह जान लेना चाहिए कि प्रतिरोध की विचारधारा दोगुनी शक्ति से आगे बढ़ेगी इस राह में संघर्ष करने वालों को निश्चित विजय मिलेगी। उन्होंने कहा था कि ईरानी राष्ट्र महान शहीदों  जनरल क़ासिम सुलैमानी और उनके साथ शहीद होने वालों विशेषकर अबू मेहदी अलमुहन्दिस को हमेशा याद करेगी। (AK)

 

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