Apr १३, २०२४ १८:२६ Asia/Kolkata
  • पार्सटुडे- ईरानी रैपर फारसी और अंग्रेजी दो भाषाओं में है।
    पार्सटुडे- ईरानी रैपर फारसी और अंग्रेजी दो भाषाओं में है।

पार्सटुडे- ईरानी रैपर फारसी और अंग्रेजी दो भाषाओं में है। इस तराने में ईरान द्वारा जायोनी सरकार पर जवाबी हमले से जायोनियों के भय को दिखाया गया है और आजकल यह तराना फिर से सुना जाने लगा है।

जायोनी युद्धक विमानों ने पहली अप्रैल को सीरिया की राजधानी दमिश्क में ईरानी काउंसलेट पर हमला किया था जिसके बाद ईरानी अधिकारियों ने इंटरनेश्नल कानूनों के अनुसार कहा था कि जायोनी सरकार पर हमला ईरान का कानूनी अधिकार है। साथ ही विश्व के विभिन्न देशों में सोशल साइटों के यूज़र्स ने ईरान का आह्वान किया है कि वह सैनिक ताकत से इस्राईल के खतरे और उसकी दुष्टता को रोक दे।

इसी संबंध में "अब तुम्हारे लिए जगह नहीं" नाम का ईरानी तराना वायरल हो गया है जिसमें अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन और जायोनी सरकार के प्रधानमंत्री बिनयामिन नेतनयाहू को संबंधोधित किया गया है और इन दोनों के पास साम्राज्यवाद के खिलाफ ईरान की नीति के सामने नतमस्तक हो जाने के अलावा कोई चारा नहीं है। इस तराने में पढ़ने वाला "क्षेत्र में पैदा होने वाले पागल कुत्ते" शब्द का प्रयोग करता है और इस तराने में ईरान की इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता के उस वाक्य की ओर संकेत किया गया है जिसमें उन्होंने जायोनी सरकार की उपमा क्षेत्र में अमेरिका और पश्चिम के सिखाये कुत्ते से दी है। इसी प्रकार इस तराने में प्रतिरोध को क्षेत्र में सुरक्षा की आपूर्ति करने वाले के रूप में याद किया गया है और तराने को पढ़ने वाला स्वयं को साम्राज्यवाद और जायानी सरकार विरोधी हिज्बुल्लाह के नेता सैयद हसन नस्ररुल्लाह का समर्थक व पक्षधर बताता है।

आठ जनवरी वर्ष 2020 को ईरान ने इराक में आधुनिकतम हथियारों से लैस अमेरिका की एनुल असद छावनी पर हमला किया था इस तराने में इसकी ओर से भी संकेत किया गया है। ईरान ने पश्चिम एशिया में दाइश की सैनिक कमान के आतंकवादी हमले में जनरल क़ासिम सुलैमानी की हत्या के जवाब में यह हमला किया था। इस तराने को पढ़ने वाला इसी प्रकार इसमें हफ्ते के दिनों की गिनती करता है और अंत में कहता है कि (हम हमेशा अमेरिका मुर्दाबाद कहेंगे।)

उल्लेखनीय है कि इस्राईल अक्तूबर 2023 से अब तक 33 हज़ार 600 से अधिक फिलिस्तीनियों को शहीद कर चुका है और ग़ज्ज़ा पट्टी में उनके घरों को तबाह कर दिया है। जायोनी सरकार की योजना वर्ष 1917 में ब्रिटेन की साम्राज्यवादी योजना और विश्व के विभिन्न क्षेत्रों से यहूदियों के फिलिस्तीन पलायन से आरंभ हुई और वर्ष 1948 में जायोनी सरकार ने अपने अवैध अस्तित्व का एलान किया। उस समय से लेकर अब तक विभिन्न अवसरों पर फिलिस्तीनियों का नरसंहार और नस्ली सफाया और उनकी ज़मीनों पर कब्ज़ा किया जाता रहा है। इस्लामी गणतंत्र ईरान जायोनी सरकार को भंग किये जाने और यहूदियों को उनकी अस्ली सरज़मीनों में लौट जाने की मांग करता है। MM

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