May ०६, २०२४ १६:२९ Asia/Kolkata
  • पश्चिमी मीडिया के दुष्प्रचार के ख़िलाफ़ ईरान और इंडोनेशिया ने इस्लामिक वर्ल्ड मीडिया यूनियन को मज़बूत करने का बनाया नया प्लान

पार्सटुडेः इंडोनेशिया में इस्लामी गणराज्य ईरान के कल्चर कौंसलेट ने कहा है कि पश्चिमी मीडिया के दुष्प्रचार और एकपक्षीय रिपोर्टिंग का मुक़ाबला करने के लिए इस्लामी विश्व मीडिया संघ का सहयोग आज इस्लामी दुनिया की आवश्यकताओं में से एक है।

इस्लामिक कल्चर एंड कम्युनिकेशन ऑर्गनाइज़ेशन ऑफ ईरान के जनसंपर्क विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, इंडोनेशिया में इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ ईरान के राजदूत मोहम्मद बुरुजर्दी और सांस्कृतिक सलाहकार मोहम्मद रज़ा इब्राहीमी ने इंडोनेशियाई साइबर मीडिया यूनियन के अधिकारियों और परिषद सदस्यों के साथ मुलाक़ात की और कई अहम मुद्दों पर चर्चा की। ग़ज़्ज़ा में इस्राईल के अपराधों का ज़िक्र करते हुए मोहम्मद बुरुजर्दी ने कहा: इस्लामी गणराज्य ईरान एकमात्र ऐसा देश है जो इस्राईल के ख़िलाफ़ खड़ा है। उन्होंने कहा कि ज़ायोनी शासन के द्वारा किए जाने वाले जघन्य अपराधों का ईरान ने ही मुंहतोड़ जवाब दिया है। उन्होंने कहा, ईरान ने इस्राईल को कड़ी प्रतिक्रिया देकर दुनिया को यह संदेश दिया है कि वह किसी भी आक्रामकता का कड़ा जवाब देगा।

इस सिलसिले की अगली बैठक में, इस्लामी दुनिया की ज़रूरतों से पश्चिमी मीडिया के दुष्प्रचारों के ख़िलाफ़ लड़ने के उद्देश्य से इस्लामिक वर्ल्ड मीडिया यूनियन के सहयोग पर ज़ोर दिया गया। इस बैठक में इंडोनेशिया के साइबर और मीडिया यूनियन के प्रमुख "फ़िरदौस" ने इस यूनियन की गतिविधियों के बारे में भी बताते हुए कहा कि इंडोनेशिया की साइबर मीडिया एसोसिएशन एक संगठनात्मक संस्था है जो मीडिया की देखरेख करती है। संघ की स्थापना 7 मार्च, 2017 को इंडोनेशिया के बैंटन (Banten) में हुई थी। इंडोनेशियाई साइबर मीडिया यूनियन की स्थापना इस विचार पर की गई है कि एक न्यायपूर्ण समाज को साकार करने के लिए जीवन की लोकतांत्रिक व्यवस्था बनाने के लिए प्रेस और मीडिया की स्वतंत्रता आवश्यक है।

इंडोनेशिया के साइबर और मीडिया यूनियन के प्रमुख "फ़िरदौस" ने इस्राईल पर हमले के जवाब में इस्लामी गणराज्य ईरान की तारीफ़ करते हुए कहा की ईरान एकमात्र ऐसा देश था जो ज़ायोनी आक्रमण के ख़िलाफ़ खड़ा था और हम गर्व से प्रिय ईरान का समर्थन करते हैं। इंडोनेशिया में ईरान के सांस्कृतिक सलाहकार श्री इब्राहीमी ने इस बैठक में इस बात पर भी ज़ोर दिया कि ईरान में समाचार एजेंसियां ​​और वर्चुअल नेटवर्क विभिन्न सामग्री प्रकाशित करके स्वतंत्र रूप से काम कर रहे हैं। इस्लामी दुनिया के मीडिया का एक महत्वपूर्ण कर्तव्य यह है कि पश्चिमी मीडिया के दुष्प्रचार, एकपक्षीय और झूठ से आम लोगों, विशेषकर इस्लामी राष्ट्रों को आगाह रख सके। उन्होंने कहा: पिछले कुछ दिनों में, मानवता और ग़ज़्ज़ा के उत्पीड़ित लोगों की रक्षा में 600 से अधिक विश्वविद्यालय के छात्रों और प्रोफेसरों को गिरफ़्तार किया गया और उन्हें शैक्षणिक संस्थानों से निकाल दिया गया है।

इस बीच पश्चिमी देशों, विशेषकर संयुक्त राज्य अमेरिका ने इस्राईल की रक्षा में कोई कसर नहीं छोड़ी है। उन्होंने ग़ज़्ज़ा में नरसंहार करने वाले एक अवैध शासन की रक्षा में अपना सब कुछ दांव पर लगा दिया है। इंडोनेशियाई साइबर मीडिया यूनियन काउंसिल के अंतर्राष्ट्रीय सहयोग विभाग की प्रमुख सुश्री रेट्नो ईमानी ने इस मौक़े पर अपनी बात रखते हुए कहा कि इंडोनेशियाई और ईरानी मीडिया के बीच विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग के अवसर हैं, जिनमें विज्ञान और अनुभव का आदान-प्रदान, समाचार, प्रौद्योगिकी, फिल्म के उत्पादन आयामों की समीक्षा और सारांश आदि शामिल हैं। (RZ)

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