May ०६, २०२४ १७:१७ Asia/Kolkata
  • ईरान में तुदे कम्युनिस्ट पार्टी को भंग करने के कारण
    ईरान में तुदे कम्युनिस्ट पार्टी को भंग करने के कारण

पार्सटुडे- ईरान की इस्लामी क्रांति की कामयाबी जीत के बाद, तूदे पार्टी की गतिविधियां, जिसे शाह के शासनकाल में प्रतिबंधित कर दिया गया था, तीस साल बाद फिर से शुरू हो गयीं लेकिन इस पार्टी के सदस्य ईरान में सोवियत संघ के नाजायज़ हितों को सुरक्षित करने की कोशिश कर रहे थे।

जासूसी, तख़्तापलट के प्रयास और ईरान पर हमले के बाद इराक़ी बासी शासन को बचाने के लिए सोवियत संघ के साथ सहयोग जैसी उसकी गतिविधियां किसी से छुपी नहीं है।

ईरान की तूदे पार्टी का गठन 1320 हिजरी शम्सी में कम्युनिस्टों के लक्ष्यों को आगे बढ़ाने के लिए किया गया लेकिन इस पार्टी को ईरान में सोवियत संघ का एजेंट और भाड़े का एजेन्ट बनने में ज्यादा समय नहीं लगा और यही कारण है कि ईरान की मुस्लिम जनता ने कभी भी इसको समाज में जगह नहीं दी।

तूदे पार्टी ने ईरान के तेल उद्योग के राष्ट्रीयकरण की प्रक्रिया के साथ विश्वासघात किया और देश के दक्षिणी भाग के तेल को इंग्लैंड को देने की रियायत के बदले ईरान के उत्तरी भाग के तेल को सोवियत संघ को सौंपने की पेशकश की ताकि संतुलन बनाए रखा जा सके।

ईरान की इस्लामी क्रांति की कामयाबी जीत के बाद, तूदे पार्टी की गतिविधियां, जिसे शाह के शासनकाल में प्रतिबंधित कर दिया गया था, तीस साल बाद फिर से शुरू हो गयीं लेकिन इस पार्टी के सदस्य ईरान में सोवियत संघ के नाजायज़ हितों को सुरक्षित करने की कोशिश कर रहे थे।

इस बात की दलील के लिए हम तूदे पार्टी के नेताओं की स्पष्ट स्वीकारोक्ति और सोवियत संघ के साथ इस पार्टी के सहयोग की पुष्टि को पेश कर सकते हैं। यह भी सुझाव दिया गया कि तेहरान में सोवियत राजदूत ने अंततः तूदे पार्टी की केंद्रीय समिति के फ़ैसलों पर मुहर लगा दी थी।

इन बयानों और सुरक्षा बलों द्वारा इस्लामी गणतंत्र के ख़िलाफ साज़िश में सोवियत संघ की भूमिका के बारे में प्राप्त जानकारी के बाद, विशेष रूप से ईरान के ख़िलाफ़ युद्ध में सद्दाम को सोवियत संघ के भारी समर्थन को देखते हुए, ईरान में सोवियत दूतावास से अठारह लोगों को देश छोड़ने का आदेश दे दिया गया।

ईरान में अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में सोवियत संघ के विफल होने के बाद, सेना में अपने आंतरिक एजेंटों के सहयोग से, उसने इस्लामी गणतंत्र ईरान की सत्ता को उखाड़ फेंकने की साजिश रची लेकिन सेना और सुरक्षा बलों में ईरान के उच्चाधिकारियों और कुलीन वर्ग की सतर्कता से इस साजिश को बेअसर कर दिया गया।

1361  हिजरी शम्सी में ईरान के इस्लामी गणतंत्र के ख़िलाफ सोवियत संघ की तख्तापलट की साजिश में ईरान की तूदे पार्टी की भूमिका का खुलासा होने के बाद, इस्लामी गणतंत्र ईरान के अधिकारियों ने फ़ैसला किया कि इस पार्टी की निरंतर गतिविधियां व्यवस्था के हितों के ख़िलाफ़ है और इसीलिए उन्होंने इसके विघटन का एलान कर दिया।

तूदे पार्टी के एक नेता नूरुद्दीन कियानूरी कहते हैं:

हमारी नज़र में, यह उल्लंघन बहुत गंभीर हैं, जासूसी और देशद्रोह की परिधि में यह सब चीज़ें शामिल हैं और मेरी नज़र में इस्लामी व्यवस्था के ख़िलाफ़ यह काम करने वालों को कड़ी सज़ाएं दी जानी चाहिए ।

1979  में ईरान की इस्लामी क्रांति और ईरान में इस्लामी व्यवस्था की स्थापना से पहले, इराक़ पूर्वी ब्लॉक (सोवियत संघ) में था और ईरान पश्चिमी ब्लॉक यानी (अमेरिका) के साथ जुड़ा हुआ था।

सोवियत संघ ने सोचा कि ईरान पर इराक़ की जीत की वजह से ईरान पूर्वी ब्लॉक के देशों में शामिल हो जाएगा।

सोवियत संघ इराक को सैन्य उपकरणों का सबसे बड़ा निर्यातक रहा है।

 स्रोत:

तूदे पार्टी का ईरानी राष्ट्र के ख़िलाफ़ 4बड़ा विश्वासघात। 1399 इस्लामी क्रांति दस्तावेज़ीकरण केंद्र

मुख्य शब्द: ईरान में कम्युनिस्ट, ईरान में तूदे पार्टी, ईरान-सोवियत संबंध, ईरान-रूस संबंध

 

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