ईरान ने 116 नॉट की गति वाले मिसाइल लांचर वॉरशिप बनाने की तकनीक हासिल कर ली
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इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स आईआरजीसी की नौसेना के कमांडर एडमिरल अली रज़ा तंगसीरी
पार्सटुडे - इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स नौसेना के कमांडर का कहना है कि ईरान ने 116 नॉट्स (215 किलोमीटर प्रति घंटे के बराबर) की असाधारण गति वाले मिसाइल लांचर वॉरशिप बनाने की तकनीक हासिल कर ली है।
इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कोर नौसेना के कमांडर एडमिरल अली रज़ा तंगसीरी ने बुधवार को फ़ार्स की खाड़ी राष्ट्रीय दिवस के उपलक्ष्य के मौक़े पर आयोजित एक समारोह में, विभिन्न प्रकार के जहाजों, मिसाइलों, ड्रोनों और वॉरशिप के निर्माण में सेना की आत्मनिर्भरता पर ज़ोर दिया।
पार्सटुडे के अनुसार, एडमिरल तंगसीरी ने कहा: 116 नॉट्स की असाधारण गति वाली मिसाइल लांच वॉरशिप तकनीकी और विशेष परीक्षणों में सफलतापूर्वक कामयाब होने के बाद फ़ार्स की खाड़ी के जलक्षेत्र में अपने मिशनों को पूरा करने के लिए तैयार है।
नौसेना उद्योगों के क्षेत्र में ईरान की उल्लेखनीय प्रगति का उल्लेख करते हुए एडमिरल तंगसीरी का कहना था: इस्लामी क्रांति की सफलता से पहले के दौर में, ईरान एक छोटी मछली पकड़ने वाली नाव भी नहीं बना पाया था और अमेरिकी कंपनियां यह काम कर रही थीं।
लेकिन आज, हमने सबसे उन्नत तकनीकों के साथ शहिद सुलेमानी वॉरशिप का निर्माण किया है जो महासागरों में 5 हज़ार समुद्री मील तक बिना रुके चलने में कामयाब है।
फ़ार्स की खाड़ी के महत्व को समझाते हुए, आईआरजीसी की नौसेना कमांडर ने इसे स्वाभाविक रूप से महत्वपूर्ण बताया, और कहा: 1 हज़ार 735 किलोमीटर की सीधी तटपट्टी और द्वीपों सहित 5 हज़ार 800 किलोमीटर के साथ, ईरान इस क्षेत्र में एक अद्वितीय पोज़ीशन रखता है।
फ़ार्स की खाड़ी में पुर्तगालियों की 117 वर्षों की उपस्थिति का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा: यह उपस्थिति, एसे समय में जब वहां तेल या गैस नहीं था, इस क्षेत्र के ऐतिहासिक और रणनीतिक महत्व को प्रदर्शित करती है।
एडमिरल तंगसीरी ने फ़ार्स की खाड़ी के आर्थिक महत्व की ओर भी इशारा किया और कहा: यह क्षेत्र विश्व के तेल और गैस निर्यात में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और इस क्षेत्र की 40 प्रतिशत गैस और 62 प्रतिशत तेल का निर्यात फारस की खाड़ी से होता है।
इस्लामी गणतंत्र ईरान के शांतिप्रिय नज़रिए पर जोर देते हुए उन्होंने कहा: हमने क्षेत्र के देशों को बार-बार शांति और मित्रता के संदेश भेजे हैं और हम हमेशा शांति, मित्रता और भाईचारे की कोशिश में रहते हैं।
हुर्मुज़ स्ट्रेट से हर दिन 80 से अधिक जहाजों के आवागमन का उल्लेख करते हुए एडमिरल तंगसीरी ने इस महत्वपूर्ण जलमार्ग की सुरक्षा सुनिश्चित करना आईआरजीसी नौसेना के सम्मानों में से एक माना और कहा: हुर्मुज़ स्ट्रेट में असुरक्षा का वैश्विक अर्थव्यवस्था पर व्यापक अंतरराष्ट्रीय प्रभाव पड़ता है, इसलिए इसकी सुरक्षा बनाए रखना बहुत ही ज़रूरी है।
इस बात पर ज़ोर देते हुए कि फ़ार्स की खाड़ी में विदेशियों की उपस्थिति सुरक्षा के लिए ख़तरा है। उन्होंने कहा: दुश्मन दो भयावह लक्ष्यों का पीछा कर रहे हैं: क्षेत्र में अवैध उपस्थिति और हथियारों की बिक्री, इन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए, उन्हें दुश्मन बनाने की जरूरत है।
आईआरजीसी नौसेना कमांडर ने ज़ोर देकर कहा: ईरान, फ़ार्स की खाड़ी में सबसे बड़ा हिस्सा रखने वाले देश के रूप में, इस क्षेत्र की सुरक्षा को अपने लिए महत्वपूर्ण मानता है और इस क्षेत्र में विदेशी ताकतों की उपस्थिति को अपने और पड़ोसी देशों के हितों के विपरीत मानता है। (AK)
कीवर्ड्ज़: ईरान, सिपाह, आईआरजीसी, मीसाइल, लांचर, वॉरशिप
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