इस्राईल व सऊदी अरब के हथियार क्षेत्र के लिए ख़तरा
ईरान ने संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव के बयान की कड़ी आलोचना की है।
ईरान की इस्लामी क्रांति हित संरक्षक परिषद के सचिव मोहसिन रज़ाई ने ईरान के मीज़ाइल परीक्षणों के बारे में संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव बान की मून के बयान पर प्रतिक्रिया जताते हुए कहा कि क्षेत्र में शांति व सुरक्षा के लिए ख़तरा रक्षा के उद्देश्य से किए गए ईरान के मीज़ाइल परीक्षण नहीं बल्कि इस्राईल और सऊदी अरब के मीज़ाइल और बम हैं। उन्होंने अपने इंस्टाग्राम पेज पर लिखा है कि ज़ायोनी शासन और सऊदी अरब के मीज़ाइल और बम हमेशा ही क्षेत्र में युद्ध और जनसंहार का कारण रहे हैं।
मोहसिन रज़ाई ने कहा कि बान की मून ने संयुक्त राष्ट्र संघ के इतिहास का सबसे काला समय अपने नाम कर लिया है और दुनिया, बच्चों का जनसंहार करने वाले देशों की सूची से सऊदी अरब का नाम हटाने के उनके क़दम को भूली नहीं है। रोएटर्ज़ के अनुसार संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव बान की मून ने अपनी एक गोपनीय रिपोर्ट में दावा किया है कि ईरान के बैलिस्टिक मीज़ाइलों के परीक्षण, ईरान व संसार की बड़ी शक्तियों के बीच होने वाले परमाणु समझौते या संयुक्त समग्र कार्य योजना (जेसीपीओए) के अनुकूल नहीं हैं। (HN)