अगर दोबारा पाबंदी लगी तो ईरान जेसीपीओए को लागू करना रोक देगा, ज़रीफ़
ईरानी विदेश मंत्री जवाद ज़रीफ़ ने चेतावनी दी है कि इस्लामी गणतंत्र पिछले साल गुट पांच धन एक के साथ हुए परमाणु समझौते जेसीपीओए को लागू करना रोक देगा अगर अमरीका ने ईरान के ख़िलाफ़ दुबारा पाबंदी लगायी।
उन्होंने शनिवार को नई दिल्ली में भारतीय बुद्धिजीवियों व कुलीन वर्ग के लोगों को संबोधित करते हुए यह चेतावनी दी।
ग़ौरतलब है कि अमरीकी सिनेट में गुरुवार को ईरान के ख़िलाफ़ पाबंदी क़ानून आईएसए की अवधि 10 साल बढ़ाने का विधेयक पारित होने के बाद ईरानी विदेश मंत्री का यह बयान सामने आया है। इस विधेयक में ईरान के बैंकिंग व ऊर्जा क्षेत्र और रक्षा उद्योग के ख़िलाफ़ कार्यवाही का प्रावधान शामिल है। इस विधेयक पर अभी तक अमरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने दस्तख़त नहीं किए हैं।
ईरानी विदेश मंत्री ने कहा, “अगर अमरीकी पाबंदियां दुबारा लगाएंगे तो हम समझौते पर कटिबद्ध नहीं रहेंगे।” उन्होंने कहा कि अमरीकी सिनेट का ईरान के ख़िलाफ़ विधेयक लाना यह दर्शाता है कि अमरीकी सरकार भरोसे के लायक़ नहीं है।
जवाद ज़रीफ़ ने कहा, “सीधी सी बात है कि अमरीका की ओर से वचन का पालन न होने के जवाब में हमारे पास सारे विकल्प हैं।”
उन्होंने यह बात भी बल देकर कही कि अमरीकी साम्राज्य का अंत आ पहुंचा है।
इससे पहले शनिवार को ईरानी राष्ट्रपति हसन रुहानी ने कहा कि जेसीपीओए को निष्कृय करने के किसी भी क़दम की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए कि जिस पर दुनिया में शांति व सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए 7 देश ने दस्तख़त किए हैं।
उन्होंने सभी देशों से जेसीपीओए की उपलब्धि की रक्षा करने पर बल देते हुए कहा, “किसी भी देश को अपनी इच्छानुसार इस समझौते को कमज़ोर करने के की इजाज़त नहीं दी जानी चाहिए।” (MAQ/N)