ईरान द्वारा जेसीपीओए के क्रियान्वयन की पुष्टि
परमाणु ऊर्जा की अंतर्राष्ट्रीय एजेंसी आईएईए के महानिदेशक ने संयुक्त समग्र कार्य योजना जेसीपीओए के क्रियान्वयन के बाद ईरान के परमाणु कार्यक्रम के बारे में अपनी रिपोर्ट जारी की है।
यूकिया अमानो ने आईएईए के निदेशक मंडल में पेश की गई अपनी रिपोर्ट में ईरान के परमाणु कार्यक्रम के सत्यापन के परिणामों का ब्योरा दिया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि ईरान व गुट पांच धन एक के बीच जेपीसीओए के अंतर्गत जिन कार्यक्रमों पर सहमति हुई थी उन सभी को ईरान ने क्रियान्वित किया है। अमानो ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि जेसीपीओए के पारित होने से लेकर उसके क्रियान्वयन के दिन तक ईरान ने इस सहमति के अंतर्गत अपनी सभी कटिबद्धताओं का पालन किया है।
बीस जनवरी वर्ष 2015 को संयुक्त राष्ट्र संघ की सुरक्षा परिषद ने प्रस्ताव क्रमांक 2231 पारित किया था जिसमें आईएईए के महानिदेशक से कहा गया था कि वे ईरान द्वारा जेसीपीओ के पारित और क्रियान्वित होने के बीच की अवधि में उसकी कटिबद्धताओं के पालन पर दृष्टि रखें और उसके क्रियाकलाप का सत्यापन करें। बहरहाल अब आईएईए के महासचिव की इस रिपोर्ट के बाद ईरान व गुट पांच धन एक के बीच की सभी समस्याएं समाप्त हो गई हैं। वस्तुतः परमाणु ऊर्जा की अंतर्राष्ट्रीय एजेंसी को ईरान के परमाणु कार्यक्रम में एेसा कोई प्रमाण ही नहीं मिला जिससे यह सिद्ध होता हो कि उसने अपने कटिबद्धताओं का पालन नहीं किया है।
ईरान व गुट पांच धन एक के बीच परमाणु सहमति ने ईरान के शत्रुओं के सभी षड्यंत्रों को विफल बना दिया है। अब अंतर्राष्ट्रीय क़ानूनों की दृष्टि से ईरान, राष्ट्र संघ के घोषणापत्र के सातवें अनुच्छेद से बाहर निकला आया है और साथ ही उसने अपने सभी परमाणु अधिकार भी प्राप्त कर लिए हैं। आईएईए के निदेशक मंडल में जारी होने वाले प्रस्ताव ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम के शांतिपूर्ण होने की पुष्टि कर दी है और अब ईरान सामान्य रूप से अपने शांतिपूर्ण परमाणु कार्यक्रम को आगे बढ़ा सकेगा। यह इस्लामी गणतंत्र ईरान की एक और कूटनैतिक विजय है। (HN)