ईरान की विवेकपूर्ण नीतियों के सामने अमरीका अलग-थलग पड़ चुका हैः ख़ुशरू
(last modified Thu, 19 Oct 2017 03:20:19 GMT )
Oct १९, २०१७ ०८:५० Asia/Kolkata
  • ईरान की विवेकपूर्ण नीतियों के सामने अमरीका अलग-थलग पड़ चुका हैः ख़ुशरू

संयुक्त राष्ट्र संघ में ईरान के स्थायी दूत ने इस बात का उल्लेख करते हुए कि ज़ायोनी शासन अब तक संयुक्त राष्ट्र संघ के 68 प्रस्तावों की अनदेखी कर चुका है, कहा है कि इस्राईल का इतिहास फ़िलिस्तीनियों की मातृभूमि पर अवैध क़ब्ज़े से शुरू हुआ और अन्य देशों के ख़िलाफ़ अतिक्रमण के साथ जारी रहा है।

ग़ुलाम अली ख़ुशरू ने मध्यपूर्व और फ़िलिस्तीन की स्थिति की समीक्षा के लिए आयोजित होने वाली सुरक्षा परिषद की बैठक में कहा कि फ़िलिस्तीन पर अवैध क़ब्ज़ा और ज़ायोनी शासन की अतिक्रमणकारी व अतिग्रहणकारी नीतियां ही मध्यपूर्व में संकटों का केंद्र हैं। उन्होंने अमरीका की ओर से इस्राईल की अवैध सरकार के भरपूर समर्थन की ओर संकेत करते हुए कहा कि अमरीका के समर्थन से इस्राईल ने फ़िलिस्तीनियों के विरुद्ध असंख्य अपराध किए हैं और इतिहास की सबसे बड़ी ट्रेजडी अंजाम दी है।

 

संयुक्त राष्ट्र संघ में ईरान के दूत ने इसी तरह बल देकर कहा कि ज़ायोनी शासन के रासायनिक, जैविक और परमाणु हथियारों समेत सामूहिक विनाश के शस्त्र मध्यपूर्व में शांति व सुरक्षा के लिए सबसे बड़ा ख़तरा हैं। ग़ुलाम अली ख़ुशरो ने इसी तरह ईरान व जेसीपीओए के ख़िलाफ़ अमरीका के राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प के शत्रुतापूर्व रवैये की ओर इशारा करते हुए कहा कि परमाणु समझौते को तबाह करने की अमरीका की कोशिशें, विश्व समुदाय की इच्छा के विपरीत हैं। उन्होंने कहा कि इस्लामी गणतंत्र ईरान की विवेकपूर्ण नीतियों के सामने आज अमरीका, विश्व जनमत में पहले की तुलना में अधिक अलग थलग पड़ गया है। (HN)

टैग्स