आतंकवाद की पहली भेंट महिलाएं हैंः ईरान
संयुक्त राष्ट्र संघ में ईरान के स्थाई राजदूत ने कहा है कि हस्तक्षेप, अतिग्रहण और शासन बदलने के प्रयास, चरमपंथी और आतंकवादी गुटों के उदय के कारण मध्यपूर्व की अधिकतर महिलाए भविष्य की ओर से निराश हो गयी हैं।
संयुक्त राष्ट्र संघ में ईरान के स्थाई राजदूत ग़ुलाम अली ख़ुशरू ने महिलाएं, शांति और सुरक्षा शीर्षक के अंतर्गत सुरक्षा परिषद की आयोजित होने वाली एक बैठक में कहा कि आतंकवाद की सबसे अधिक बलि महिलाएं हैं।
उन्होंने कहा कि साधारण सोच नहीं रखनी चाहिए और यह कल्पना नहीं करनी चाहिए कि इराक़ और सीरिया में आतंकवादी गुटों की समाप्ति से महिलाओं के विरुद्ध अपराध समाप्त हो जाएगा क्योंकि इस गुट का व्यवहार उसकी भ्रष्ट विचारधाराओं में निहित है जो दूसरों से घृणा पर आधारित है।
उन्होंने कहा कि विश्व समुदाय को चाहिए कि वह तकफ़ीरी गुटों के समर्थकों के ख़िलाफ़ संघर्ष जारी रखें।
संयुक्त राष्ट्र संघ में ईरान के स्थाई राजदूत ग़ुलाम अली ख़ुशरू ने बल दिया कि ईरान में महिलाएं राजनैतिक मंच पर सक्रिय रूप से उपस्थित हैं और मतदान में बढ़ चढ़कर भाग लेती हैं। उन्होंने कहा कि ईरान में शिक्षा के कारण महिलाओं की शक्ति बढ़ी है।
उन्होंने ईरानी जनता के विरुद्ध अमरीका के अन्यायपूर्ण और अत्याचारपूर्ण प्रतिबंधों की ओर संकेत करते हुए कहा कि यह प्रतिबंध निराधार बहानों से लगाए गये हैं। (AK)