बैतुल मुक़द्दस, मुसलमानों का पहला क़िबला बाक़ी रहेगाः विलायती
अली अकबर विलायती ने कहा है कि बैतुल मुक़द्दस, मुसलमानों का पहला क़िबला है जो फ़िलिस्तीनियों से संबन्धित है।
इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता के विदेशी मामलों के सलाहकार का कहना है कि बैतुल मुक़द्दस के बारे में अमरीकी राष्ट्रपति का बयान अन्तर्राष्ट्रीय नियमों का खुला उल्लंघन है।
अली अकबर विलायती ने कहा कि अमरीकी राष्ट्रपति की ओर से बैतुल मुक़द्दस को अवैध ज़ायोनी शासन की राजधानी के रूप में मान्यता देना, इतिहास को जानबूझकर अनदेखा करने के अर्थ में है। उन्होंने कहा कि ट्रम्प के इस फैसले का उद्देश्य, क्षेत्र को अशांत करके क्षेत्रीय शांति को ख़तरे में डालना है। उन्होंने कहा कि ट्रम्प का यह फैसला, फ़िलिस्तीनी राष्ट्र के अधिकार को अनेदखा करते हुए अवैध ज़ायोनी शासन का समर्थन करना है।
अली अकबर विलायती ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि विगत की भांति ही फ़िलिस्तीनियों का प्रतिरोध आगे भी जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि अमरीकी सरकार का यह फैसला न तो एेतिहासिक वास्तविकता को बदल सकता है और न ही अत्याचारग्रस्त फ़िलिस्तीनियों के वैध अधिकारों को क्षतिग्रस्त कर सकता है। इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता के विदेशी मामलों के सलाहकार ने कहा कि ईरान की सैद्धांतिक नीति, फ़िलिस्तीन की अत्याचारग्रस्त जनता का समर्थन करना है।
उल्लेखनीय है कि व्यापक विरोध के बावजूद अमरीकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने बुधवार की रात बैतुल मुक़द्दस को इस्राईल की राजधानी के रूप में मान्यता देने की घोषणा कर दी।