ईश्वर ने ईरान के दुश्मनों को मूर्ख पैदा किया हैः अली शमख़ानी
सर्वोच्च राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के सचिव ने कहा है कि ईरान के मुकाबले में बारमबार वर्चस्ववादी व्यवस्था की विफलता इस बात की सूचक है कि ईरानी जनता और व्यवस्था के बारे में उनकी पहचान ग़लत थी और ईश्वर ने ईरान के दुश्मनों को मूर्ख पैदा किया है।
अली शमख़ानी ने अभी हाल ही में ईरान में होने वाले उपद्रव की ओर संकेत किया और कहा कि इस्लामी गणतंत्र ईरान के संविधान में कानून के परिप्रेक्ष्य में प्रदर्शन करने को पूरी तरह वैधता व मान्यता दी गयी है।
अली शमख़ानी ने ईरान में होने वाले हालिया उपद्रव में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के समर्थन और वास्तविकताओं को उल्टा दिखाने हेतु प्रयास की आलोचना करते हुए कहा कि लोगों ने जब देखा कि इस्लामी व्यवस्था से प्रतिशोध लेने के लिए विदेशी खुल्लम- खुल्ला हस्तक्षेप कर रहे हैं तो वे उपद्रवियों से स्वयं को अलग करने के लिए उठ खड़े हुए।
ईरान की सर्वोच्च राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के सचिव ने बल देकर कहा कि इस्लामी गणतंत्र ईरान को कमज़ोर करना या इस्लामी व्यवस्था को परिवर्तित कर देना वह आकांक्षा है जिस पर पानी फिर चुका है और कुछ देश इस्लामी क्रांति की सफलता के आरंभ से ही उसे प्राप्त करने का प्रयास करते रहे हैं और बारमबार उन्हें मुंह की खानी पड़ी है।
अली शमख़ानी ने कहा कि ईरान में आपात स्थिति का कानून नहीं है और गत 40 वर्षों में कुछ विषम संकट उत्पन्न हो जाने के बावजूद कभी भी ईरान में आपात काल की घोषणा नहीं की गयी।
इसी प्रकार उन्होंने कहा कि क्षेत्र के कुछ देशों का समर्थन प्राप्त आतंकवादियों के हमले के बाद फ्रांस में आपात काल की घोषणा कर दी गयी थी और तुर्की में अभी भी आपात काल लागू है।
उन्होंने कहा कि ईरान में हालिया प्रदर्शन के बाद स्थिति पूरी तरह सामान्य है यहां तक कि प्रदर्शन के दौरान भी स्थिति सामान्य थी और आठ करोड़ ईरान की जनसंख्या है और जो प्रदर्शन हुए थे वे बहुत सीमित थे।
उन्होंने कहा कि ईरान में अशांति उत्पन्न करने और उसे अलग- थलग करने के लिए अमेरिका और जायोनी शासन ने काफी निवेश किया परंतु कभी भी उन्हें सफलता नहीं मिली। MM